किसानों का आंदोलन लगातार जारी सुप्रीम कोर्ट ने फिर सुनवाई की जारी
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक, बीती रात नाले में गिरने के कारण एक किसान की मौत हुई है. जिसके बाद किसानों में गुस्सा है और PWD विभाग के खिलाफ एक्शन की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की ओर से पी. चिदंबरम ने अपना पक्ष रखा, उन्होंने कहा कि किसी भी किसान संगठन ने सड़क जाम करने की बात नहीं की है. प्रशासन द्वारा रास्ते बंद किए गए हैं. अदालत की ओर से कहा गया है कि इतनी बड़ी भीड़ की जिम्मेदारी कौन लेगा, कोर्ट ये काम नहीं कर सकता है.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का हक है, लेकिन ये कैसे हो इसपर चर्चा हो सकती है. अदालत ने कहा कि हम प्रदर्शन के अधिकार में कटौती नहीं कर सकते हैं. अदालत ने कहा कि प्रदर्शन का अंत होना जरूरी है, हम प्रदर्शन के विरोध में नहीं हैं लेकिन बातचीत भी होनी चाहिए.
We've not received any notice from SC. When we get a notice, all farmers' unions will hold a discussion&take a decision: MS Rai, Bhartiya Kisan Union, Doaba
SC has allowed impleadment of 8 farmer unions as respondents in petitions seeking removal of protestors from Delhi borders pic.twitter.com/faL45lk7fR
— ANI (@ANI) December 17, 2020
चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें नहीं लगता कि किसान आपकी बात मानेंगे, अभी तक आपकी चर्चा सफल नहीं हुई है इसलिए कमेटी का गठन जरूरी है. अटॉर्नी जनरल ने अपील की है कि 21 दिनों से सड़कें बंद हैं, जो खुलनी चाहिए. वहां लोग बिना मास्क के बैठे हैं, ऐसे में कोरोना का खतरा है.
कोरोना काल के बीच में संसद चलाकर भाजपा सरकार ने अरबपति मित्रों के लिए बनाए गए कृषि कानूनों को पास कर दिया लेकिन किसानों की मांग पर, 11 किसानों की शहादत व बाबा राम सिंह की आत्महत्या के बावजूद किसान बिलों पर चर्चा के लिए संसद नहीं खुल सकती.
इतना ज्यादा अहंकार और असंवेदनशीलता
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 17, 2020
सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन किसान आंदोलन के मसले पर सुनवाई शुरू हो गई है. चीफ जस्टिस ने सबसे पहले पूछा कि हरीश साल्वे किसकी ओर से पेश हो रहे हैं और भारतीय किसान यूनियन की ओर से कौन पेश हो रहा है चीफ जस्टिस ने सुनवाई शुरू होते ही कहा कि अभी कानून को लेकर चर्चा नहीं है, शुरुआत में सिर्फ प्रदर्शन को लेकर बहस होगी. कानून वैध हैं या नहीं, इसपर बाद में बहस हो सकती है.