लखनऊ: पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति का बेटा अरेस्ट, पेशी पर पिता से मिलने पहुंचा था कोर्ट
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। लखनऊ पुलिस कई दिनों से अनिल को तलाश कर रही थी। उसके खिलाफ जालसाजी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज था। गायत्री के पूर्व परिचित व उनकी कंपनी में काम करने वाले ब्रिज भवन चौबे ने गोमती नगर विस्तार थाने में पूर्व मंत्री व उनके बेटे समेत अन्य पर एफआइआर दर्ज कराई थी। पेशी पर पिता से मिलनेे की सूचना के आधार पर पुलिस ने पहले से ही जाल बिछा रखा था।
राजधानी पुलिस काफी समय से अनिल की तलाश कर रही थी, जिसे गुरुवार दोपहर में दबोच लिया गया। गोमती नगर विस्तार थाने में पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल प्रजापति के खिलाफ जालसाजी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज थी। गायत्री के पूर्व परिचित व उनकी कंपनी में काम करने वाले ब्रिज भवन चौबे ने गोमती नगर विस्तार थाने में पूर्व मंत्री व उनके बेटे समेत अन्य पर एफआइआर दर्ज कराई थी। गुरुवार को अनिल प्रजापति कोर्ट में पेशी पर आए अपने पिता से मिलने आया था। सूत्रों के मुताबिक पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर को फोन पर इसकी सूचना मिली थी, जिसके बाद आरोपित को दबोच लिया गया।
ये है पूरा मामला
खरगापुर गोमती नगर निवासी बृज भवन चौबे ने गोमती नगर विस्तार थाने में अनिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उनके मुताबिक वह पूर्व मंत्री की एक निजी कंपनी के निदेशक थे। उनके अनुुुुुसार गायत्री प्रजापति ने दुष्कर्म की एफआइआर दर्ज कराने वाली चित्रकूट निवासी महिला से सांठगांठ कर ली थी। पूर्व मंत्री के बेटे अनिल प्रजापति ने बृज भवन से बोलकर मुकेश कुमार नाम के व्यक्ति की संपत्ति उस महिला के नाम दर्ज करवाई थी। यही नहीं अनिल ने दुष्कर्म मामले में बयान बदलने के लिए दो करोड़ रुपये भी महिला को दिए थे। बावजूद इसके महिला की मांग बढ़ती गई। बृज भवन के मुताबिक गायत्री और उनके बेटे अनिल ने खरगापुर स्थित उनकी जमीन भी महिला के नाम करवा दी थी।
आरोप है कि गायत्री प्रजापति ने किसी मुकेश के नाम से बेनामी संपत्ति खरीद रखी थी। पीड़ित ने महिला की ओर से गौतमपल्ली में दर्ज कराए गए अधिवक्ता व अन्य के खिलाफ दुष्कर्म मामले में उसे फंसाने की कोशिश का आरोप भी लगाया है। पीड़ित का कहना है कि महिला उसे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रही है। बृृृज भवन के मुताबिक आरोपितों ने उसे कंपनी के निदेशक पद से बिना वेतन दिए हटा दिया और कई कागजातों पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करा लिए थे। पूर्व मंत्री ने पीड़ित को केजीएमयू में भी बुलाया था और वहां उसे धमकी दी थी। पीड़ित का आरोप है कि पूर्व मंत्री, उनके बेटे व चित्रकूट निवासी महिला समेत अन्य ने उसकी कीमती जमीन व नगदी हड़प ली और लगातार धमकी दे रहे हैं।