LIVE TVMain Slideउत्तर प्रदेशदेश

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ वाराणसी को देने जा रहे एक नई सौगात

महादेव की काशी को नए साल पर सीएनजी की नौकाओं के रूप में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ एक नई सौगात देने जा रहे हैं. मां गंगा की अविरल धारा को पावन बनाने के उद्देश्‍य से पायलट प्रोजेक्‍ट के तहत घाट पर सीएनजी स्‍टेशन को तैयार किया जा रहा है. वाराणसी में चलने वाली नौकाएं न तो अब जहरीला धुंआ छोड़ेंगीं न ही शोर करेंगीं.

इस प्रोजेक्‍ट के तहत खिरकिया घाट पर सीएनजी स्टेशन को बनाया जा रहा है. पहले फेज में करीब 51 नौकाओं में सीएनजी इंजन लगाया जाएगा. जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र दुनिया का पहला ऐसा शहर होगा जहां इतने बड़े पैमाने पर सीएनजी नौकाओं का संचालन होगा.

वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि गेल इंडिया ने कार्पोरेट सोशल रेस्‍पोंसिबिल्‍टी’ प्रोजेक्ट के तहत इस काम का जिम्मा लिया है. लगभग 34 करोड़ के बजट से 1,700 छोटी और बड़ी नाव में सीएनजी इंजन लगाया जाएगा.

छोटी नाव पर करीब 60 से 70 हज़ार का खर्च आएगा वहीं बड़ी नाव और बजरा पर लगभग दो लाख या उससे अधिक की लागत लगेगी। बता दें कि लागत का एक छोटा सा भाग नाविकों से भी लिया जाएगा जो कि बहुत कम होगा. इसके साथ ही जिस नाव पर सीएनजी आधारित इंजन लगेगा उस नाविक से डीजल इंजन वापस ले लिया जाएगा.

गेल इंडिया के उप महाप्रबंधक गौरी शंकर मिश्रा ने बताया कि पहले चरण में करीब एक करोड़ की लागत से 51 नौकाओं में सीएनजी इंजन लगाए जाएंगें. जिसके लिए घाट पर ही डाटर स्टेशन बन रहा हैं. जेटी पर डिस्पेन्सर भी लग गया है. जो लगभग पंद्रह दिनों में चालू हो जाएगा.

नाविकों के लिए नगर निगम सख्त नियम लागू कर रहा है जिसमें लाइसेंस देते समय प्रशासन ये सुनिश्चित कराएगा कि नौकाओं पर रेडियम की पट्टी लगी हो ताकि नौकाएं कम रोशनी में भी दिख सकें और दुर्घटना न हो. इसके साथ ही लाइफ जैकेट समेत सुरक्षा के सभी सामग्रियों को नाव पर रखना अनिवार्य होगा. नाविकों के परिचय पत्र पर उनका पूरा विवरण भी लिखा होगा.

वाराणसी में जब इंजन से चल रहीं नौकाओं में सीएनजी किट लगाकर ट्रायल लिया गया तो नाविकों के चेहरे खुशी से खिल उठे.

नाविक विकास ने बताया कि यह एक सकारात्‍मक पहल है जिससे अब कम गैस में अधिक दूर तक नौकाएं जा सकेंगीं. सीएनजी किट लगने से नाविक अब कम खर्चे में ज्‍यादा कमाई कर सकेंगें. इसके साथ ही इकोफ्रेंडली नौकाओं के संचालन से धुआं व आवाज न होने से पर्यटक प्रदूषण मुक्‍त यात्रा का भी लाभ उठा सकेंगें

Related Articles

Back to top button