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लखनऊ : कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं

कोरोना का भय अभी घर-घर पसरा है। ऐसे में 72 फीसद अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं। वह फिलवक्त बच्चों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की बेहतर मान रहे हैं। हालांकि इससे वह बच्चों में आंख व सिर दर्द जैसी समस्यों को भी स्वीकार रहे हैं। देश के कई शहरों में जुलाई अंत में सर्वेक्षण कराया गया।

ऑनलाइन पढ़ाई व स्कूल खुलने पर हुए सर्वेक्षण में 2,694 अभिभावकों ने अपनी राय साझा की। राजधानी में 400 लोगों से बात की गई। इसमें लखनऊ से शोधकर्ता पीजीआइ की डॉ. पियाली भट्टा चार्य, यूपी पीडियाट्रिक एसोसिएशन के सदस्य डॉ उत्कर्ष बंसल रहे। इसके अलावा जयपुर से डॉ स्वाति घाटे, दिल्ली से डॉ पियूष गुप्ता व हरियाणा से डॉ आर के थापर ने स्टडी की।

12 दिसंबर को इंडियन पीडियाट्रिक्स जर्नल में प्रकाशित शोध में कहा गया कि 72 फीसद माता-पिता ऑनलाइन कक्षाओं को महामारी काल में सुरक्षित मान रहे हैं। वह बच्चों को स्कूल भेजकर पढ़ाई कराने के पक्ष में नहीं पाए गए। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन से बच्चों की पढाई नहीं छूट रही, साथ ही स्कूल से जुड़ाव भी बना हुआ है। वहीं लंबे समय से ऑनलाइन पढ़ रहे बच्चों में बच्चों में िसरदर्द, आंखों में दर्द व एकाग्रता की समस्या को भी अभिभावकों ने स्वीकार किया।

बच्चों की आंखों की समस्या के अलावा करीब तीन चौथाई अभिभावकों ने ऑनलाइन कक्षाएं बच्चों व परिवार दोनों के लिए तनावपूर्ण बताया है। उन्हाेंने कहा कि महामारी काल में माता पिता भी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं।

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