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किसान आंदोलन का आज 25वां दिन, प्रदर्शन के दौरान मरने वालोँ को दी जाएगी श्रद्धांजलि

गिरते पारे और कोरोना के खतरे के बीच किसानों के आंदोलन का आज 25वां दिन है। लेकिन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी गतिरोध का फिलहाल कोई हल होता नहीं दिख रहा है। किसानों और सरकार के बीच लगातार गतिरोध बरकरार है। ना किसान हट नहीं रहे और न ही सरकार झुक रही है। नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर बड़ी तादाद में किसान 26 नवंबर से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई नाकों पर डटे हैं।

इन सबके बीच प्रदर्शनकारी किसान आज शहीदी दिवस मनाएंगे। आज किसान इस आंदोलन के दौरान किसी ना किसी वजह से जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देंगे। आपको बता दें कि किसान संगठनों ने अभी तक के आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों को शहीदों का दर्जा दे दिया है। जिनको श्रद्धांजलि देने के लिए अब दिल्ली के बॉर्डर समेत पंजाब भर में उनके लिए श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित किए जाने का फैसला किया है। सभी किसान संगठनों के पदाधिकारी अपने अपने गांवों में आज श्रद्धांजलि कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। इसमें सभी किसान संगठनों के सदस्यों के अलावा ग्राम पंचायत, नंबदार, सामाजिक संगठनों की भी विशेष भागीदारी होगी। श्रद्धांजलि सभा 11 बजे से शुरू होगी।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों ने कहा कि वे अपना अगला कदम अगले दो तीन दिनों में तय करेंगे। इस सप्ताह के शुरू में सुप्रीम कोर्ट ने उल्लेखित किया था कि वह गतिरोध के समाधान के लिए कृषि विशेषज्ञों और किसान यूनियनों का एक ‘निष्पक्ष और स्वतंत्र’ समिति गठित करने पर विचार कर रहा है। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि रणनीति तय करने के लिए यूनियनों के बीच वर्तमान में चर्चा चल रही है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले पर कानूनी राय भी ले रहे हैं।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी रहने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को लोगों से कृषि सुधारों पर केंद्र सरकार की ओर से जारी ई-पुस्तिका पढ़ने और उसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का आग्रह किया। सरकार ने अंग्रेजी और हिंदी में ई-पुस्तिका जारी की है जो सितंबर में लागू किए गए सुधारों से फायदा उठाने वाले किसानों की सफलता को रेखांकित करती है।

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