दिल्ली स्थित गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को सुबह अचानक दिल्ली स्थित गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचे. यहां उन्होंने माथा टेका और गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी.
उनका यह दौरा अचानक हुआ है. उनके गुरुद्वारा जाने के दौरान ट्रैफिक भी नहीं रोका गया. साथ ही वहां आम दिनों की तरह ही सुरक्षा व्यवस्था थी. इस दौरान कोई खास पुलिस बंदोबस्त भी देखने को नहीं मिला.
This morning, I prayed at the historic Gurudwara Rakab Ganj Sahib, where the pious body of Sri Guru Teg Bahadur Ji was cremated. I felt extremely blessed. I, like millions around the world, am deeply inspired by the kindnesses of Sri Guru Teg Bahadur Ji. pic.twitter.com/ECveWV9JjR
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
बता दें कि पीएम मोदी का यह दौरा अचानक हुआ है. उन्होंने इस दौरान गुरु तेगबहादुर की ओर से किए गए त्याग को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. गुरुद्वारा रकाबगंज में माथा टेकने के बाद पीएम मोदी ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी और कई फोटो भी शेयर कीं.
It is the special Kripa of the Guru Sahibs that we will mark the special occasion of the 400th Parkash Parv of Sri Guru Teg Bahadur Ji during our Government’s tenure.
Let us mark this blessed occasion in a historic way and celebrate the ideals of Sri Guru Teg Bahadur Ji. pic.twitter.com/GBiWMyih6D
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
पीएम मोदी ने कहा यह गुरु साहिब की विशेष कृपा है कि हम अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व के विशेष अवसर को मनाएंगे. आइए हम इस नेक अवसर को ऐतिहासिक तरीके से मनाएं और श्री गुरु तेग बहादुर जी के आदर्शों को अपनाएं.
Sri Guru Tegh Bahadur Ji’s life epitomised courage and compassion.
On his Shaheedi Diwas, I bow to the great Sri Guru Tegh Bahadur Ji and recall his vision for a just and inclusive society.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 19, 2020
पीएम मोदी ने इससे पहले शनिवार को भी सिखों के नौवें गुरु गुरु तेगबहादुर के शहीदी दिवस परउन्हें नमन किया था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन साहस और करुणा का प्रतीक है. श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर मैं उन्हें नमन करता हूं और समावेशी समाज के उनके विचारों को याद करता हूं.