राजस्थान के 50 शहरी निकायों में शुरू हुआ मतदान
राजस्थान के 50 शहरी निकायों में रविवार को निकाय प्रमुख के चुनाव है. चुनावी मैदान में 101 प्रत्याशी हैं. जिसको लेकर सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक मतदान होगा. वहीं मतदान के बाद मतगणना होनी है. मतदान को लेकर मतदान स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है. यहां रविवार को 12 जिलों के 45 निकायों में मतदान होना है. वहीं 5 निकायों में निर्विरोध चुनाव हो चुका है.
निकाय पार्षद के चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को भले तीसरे स्थान पर खिसका दिया हो, लेकिन कांग्रेस के दिग्ग्ज मंत्रियों और विधायकों के इलाकों में नगरपालिकाओं में कांग्रेस का स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण निर्दलीय ही निर्णायक है.
अब इनमें कांग्रेस का बोर्ड बनाने की चुनौती है. 18 कांग्रेस विधायकों और 4 मंत्रियों के क्षेत्रों में कांग्रेस शहरी निकायों में बहुमत से दूर है. इनके क्षेत्रों में निर्दलीयों का बोलबाला है और इन 18 विधायकों और 4 मंत्रियों के क्षेत्रों के शहरी निकायों में निर्दलियों के बिना नगरपालिका अध्यक्ष नहीं बन सकेंगे.
चार मंत्रियों में केवल कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के क्षेत्र जोबनेर नगरपालिका में ही कांग्रेस का बोर्ड बना है. बाकी मंत्रियों के इलाकों में कांग्रेस को नगरपालिकाओं में बहुमत नहीं मिला है. मंत्री राजेंद्र यादव के क्षेत्र में कोटपूतली नगरपालिका में निर्दलीयों का दबदबा है. मंत्री भजनलाल जाटव के विधानसभा क्षेत्र में वैर और भुसावर नगरपालिकाओं में निर्दलीयों का बोलबाला है यहां भी कांग्रेस बहुमत दूर है.
खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के क्षेत्र अंता में नगरपालिका में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला, यहां निर्दलीयों के सहयोग से कांग्रेस को बोर्ड बनाना पड़ेगा. उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा के क्षेत्र लालसोट में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला है. यहां भी निर्दलीय निर्णायक है.
कांग्रेस के 5 विधायकों को छोड़ सबके यहां अकेले दम पर कांग्रेस का बोर्ड नहीं बना. कांग्रेस विधायकों में गुरमीत कुनर स्टार परफॉर्मर रहे है, कुनर के इलाके में 4 नगरपालिकाओं में कांग्रेस को बहुमत मिला है.
रोहित बोहरा के क्षेत्र राजाखेड़ा, गिर्राजसिंह मलिंगा के क्षेत्र बाड़ी, पायलट खेमे के विधायक पीआर मीणा के क्षेत्र टोडाभीम में और इंद्राज गुर्जर के क्षेत्र विराटनगर में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है. कांग्रेस के 18 विधायक ऐसे हैं जिनके इलाकों में पार्टी अपने दम पर बहुमत नहीं ला सकी. हांलाकि भरतपुर के डीग, कुम्हैर नगरपालिकाओं में कांग्रेस ने एक भी उम्मीदवार सिंबल पर नहीं लड़वाया था.