मौसम विभाग ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले 72 घंटे के लिए अलर्ट किया जारी
उत्तर भारत के कई हिस्से शीत लहर की चपेट में हैं और कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया है. वहीं कश्मीर में सोमवार से कड़ाके की सर्दी की 40 दिन की अवधि ‘चिल्लईकलां’ शुरू हो गया है. आपको बता दें कि कश्मीर ममें कड़ाके की ठंड के 3 चरण होते हैं जिसका पहला फेज शुरू हो गया है. इसे जन्नत की सर्दी का सितम यानी हाड़ कंपाने वाली ठंड को मापने का मीटर कह सकते हैं.
घाटी में 21 दिसंबर से 31 जनवरी तक यानी 40 दिन की अवधि को सर्दी के मौसम का सबसे ठंडा समय माना जाता है क्योंकि यहां इस दौरान तापमान में काफी गिरावट आती है, जल स्रोत जम जाते हैं और घाटी में तापमान जमाव बिंदू से भी नीचे होने की वजह से पानी आपूर्ति में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पारंपरिक रूप से 21 दिसंबर से लेकर मार्च के आखिरी हफ्ते तक के अंतराल को ही असल सर्दी का सीजन माना जाता है.
ताजा पश्चिमी विक्षोभ से हिमालय के ऊपरी हिस्सों के प्रभावित होने के चलते दिल्ली में न्यूनतम तापमान सोमवार को थोड़ी वृद्धि के साथ 5.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. वहीं हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई. मौसम अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की वजह से जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बर्फबारी होगी.
उत्तर प्रदेश कड़ाके की ठंड की गिरफ्त में है और राज्य में दूरदराज के स्थानों पर शीतलहर चल रही है. सोनभद्र जिले में चुर्क राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा और यहां न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम अधिकारियों ने बताया कि राज्य में मौसम शुष्क है और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर घना कोहरा छाया रहा और कुछ दूरदराज स्थानों पर कड़ाके की शीत लहर चल रही है.