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अब जा के भारतीय अर्थव्यवस्था में आई रिकवरी की एक उम्मीद

कोरोना महामारी की वजह से बुरी तरह प्रभावित इंडियन इकोनॉमी अब सुधार की राह पर है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में दोगुनी तेजी से रिकवरी की उम्मीद है. डेलॉयट और एनसीएईआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार दिख रहा है.

डेलॉयट की रिपोर्ट ‘वॉयस ऑफ एशिया’ के अनुसार पीएमआई विनिर्माण सूचकांक 2008 के बाद सबसे ऊंचे लेवल पर है. वहीं एनसीएईआर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में संकुचन के कारण अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत के सकारात्मक होने की संभावना है.

भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई थी. वहीं जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले सकल घरेलू उत्पाद 7.5 प्रतिशत कम रहा.

आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी यानी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर पॉजिटिव हो जाएगी. एनसीएईआर ने तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 0.1 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है.

डेलॉयट की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हासिल करेगी. अनलॉक के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति काफी तेजी से सुधर रही है. दबी मांग और फेस्टिवल सीजन की मांग ने भी अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधारने में मदद की है.

साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि यदि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले ऊंचे स्तर पर बने रहते हैं, तो इस बढ़ोतरी को कायम रखना अगले साल के दौरान चुनौतीपूर्ण होगा. रिपोर्ट का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में गिरावट के बाद अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था दो अंक की बढ़ोतरी दर्ज करेगी.

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