भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें नहीं मिला बैठक का निमंत्रण
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें कृषि मंत्री से अभी तक कोई बैठक का निमंत्रण नहीं मिला है.
किसानों ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार सभी 3 कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वे वापस नहीं जाएंगे. सभी मुद्दों को हल करने में एक महीने से अधिक समय लगेगा. सरकार हमारे पास आएगी.
Delhi: Protesting farmers comfort themselves by lighting bonfire as cold weather conditions continue in the national capital.
Farmers' protest against Centre's three farm laws enters 27th day at Singhu border (Delhi-Haryana border) pic.twitter.com/7ECu4zpjhz
— ANI (@ANI) December 22, 2020
मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर जारी किसानों के आंदोलन को करीब एक महीना होने वाला है. कड़ाके की ठंड के बावजूद आंदोलनकारी किसान प्रदर्शन स्थल पर 28 दिन से जमे हुए हैं.
अगले दौर की बातचीत को लेकर सरकार द्वारा भेजे गये प्रस्ताव पर किसान संगठन आज बैठक करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक आज सुबह 10 बजे सिंघु बॉर्डर पर होगी. इस बैठक में किसान संगठन ये तय करेंगे कि सरकार से बात करनी चाहिए या नहीं.
किसान नेताओं ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार ‘ठोस समाधान’ पेश करती है तो वे हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन दावा किया कि वार्ता के लिए अगली तारीख के संबंध में केंद्र के पत्र में कुछ भी नया नहीं है.
सरकार और किसान संगठनों के बीच अबतक 5 दौर की बातचीत हुई है जो बेनतीजा रही है. पांचवें दौर की बातचीत के बाद 9 दिसंबर को वार्ता स्थगित हो गई थी, क्योंकि किसान यूनियनों ने कानूनों में संशोधन और न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखने का लिखित आश्वासन दिए जाने के केंद्र के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया था