यमुना एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के कारण हुआ बड़ा सड़क हादसा
एक बार फिर कोहरे के चलते यमुना एक्सपेस-वे पर जिंदगियों की रफ्तार थम रही है. हालांकि यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ने कोहरे के असर को देखते हुए रात के वक्त स्पीड लिमिट कम कर दी है. बावजूद इसके एक्सीडेंट रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
मंगलवार की सुबह भी 5 जिंदगियों की रफ्तार थम गई. लेकिन इसके बाद भी ओवर स्पीड वाहनों को दौड़ाने वाले मान नहीं रहे हैं. बीते वक्त सिर्फ 7 महीने में ही 18 लाख वाहनों ने स्पीड लिमिट कानून को तोड़ा था.
आरटीआई एक्टिविस्ट और सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट केसी जैन लगातार कोर्ट से लेकर दूसरे प्लेटफार्म पर एक्सप्रेस-वे से जुड़े मामले उठाते रहते हैं सिर्फ इमरजेंसी में जा रहे वाहनों को ही इस वक्त छूट दी जाए. ओवर स्पीड होने पर टोल प्लाजा पर चेतावनी दी जाए. बेशक उसके बाद चालान ऑनलाइन पहुंच जाए. सर्दियों में वाहनों की स्पीड को कम किया जाए. खासतौर से रात के वक्त पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए. आज हुआ एक्सीडेंट भी गलत दिशा से आ रहे वाहन के चलते हुआ है.
एडवोकेट केसी जैन के अनुसार एक रिपोर्ट की मानें तो यमुना एक्सप्रेस-वे पर सबसे ज्यादा साल के 50 प्रतिशत हादसे जेवर टोल प्लाजा के अंतर्गत आने वाले जीरो पाइंट से लेकर 57 किमी के क्षेत्र में होते हैं. यहां दनकौर, दयानतपुर और फलैदा में सबसे ज्यादा वाहन आपस में टकराते हैं.
अब अगर मथुरा की बात करें तो यहां 58 किमी से लेकर 110 किमी के क्षेत्र में 35 प्रतिशत हादसे होते हैं. नौहझील, मांट और सुरीर वो थाना क्षेत्र जहां ज्यादातर हादसे होते हैं. आखिर में 111 से लेकर 165 किमी का वो क्षेत्र जो आगरा टोल प्लाजा के अंतर्गत आता है. अगर इस क्षेत्र की बात करें तो यहां खंदौली थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं.