प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2021 में वाराणसी को दे सकते है ये बड़ी सौगात
नए साल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से आईआईटी बीएचयू और उत्तर भारत के लोगों को एक बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है.
इसकी बुनियाद रख दी गई है. यह तोहफा है आईआईटी बीएचयू में खुलने जा रहा इसरो का पांचवां सेंटर. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो का पांचवां सेंटर आईआईटी बीएचयू में खुलेगा. इसके लिए आईआईटी बीएचयू और इसरो के बीच ऑनलाइन प्रोग्राम के दौरान यह समझौता हुआ है.
इस समझौते में आईआईटी के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रमोद जैन और इसरो की तरफ से सीबीपीओ कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम ऑफिस के डायरेक्टर डॉ पीवी वेंकट कृष्णन ने हस्ताक्षर किए हैं. आईआईटी बीएचयू में खुलने जा रहा इसरो का यह सेंटर उत्तर एवं मध्य भारत का पहला रीजनल एकेडमिक सेंटर फॉर स्पेस होगा.
इस सेंटर के खुल जाने के बाद न केवल बीएचयू आईआईटी के छात्र-छात्राओं को अंतरिक्ष अनुसंधान पर अध्ययन और शोध का मौका मिलेगा, बल्कि इससे कृषि, दूरसंचार, मौसम विज्ञान, जल संसाधन आदि क्षेत्रों में भी पूर्वांचल और मध्य भारत को काफी लाभ मिलेगा. स्पेस साइंस और स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शोध का दायरा भी अब बढ़ जाएगा.
इस पूरे प्रोग्राम में आईआईटी बीएचयू इसरो के लिए एम्बेसडर के तौर पर काम करेगा. इसके तहत इस पूरे प्रोग्राम में क्षमता निर्माण से लेकर जागरूकता, सृजन, शोध और अनुसंधान एक्टिविटीज के लिए विशेषज्ञों के अनुभव का भी इस्तेमाल किया जाएगा.
बता दें कि इसरो का यह पांचवां सेंटर होगा. इससे पहले ऐसे सेंटर कुरुक्षेत्र, जयपुर, मंगलौर और गुवाहाटी में खोले जा चुके हैं. अब इस उपलब्धि के बाद बीएचयू आईआईटी में बीटेक और एमटेक छात्र-छात्राओं के लिए शॉर्ट टर्म और वन ईयर प्रोजेक्ट भी शामिल किए जाएंगे. इसके अलावा पीएचडी के छात्रों को लॉन्ग टर्म आरएंडडी प्रोजेक्ट्स में भी वरीयता मिलने का रास्ता खुल जाएगा.
आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद बताया कि यह रीजनल एकेडमिक सेंटर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड आदि राज्यों में भी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख फैसिलिटेटर का रोल अदा करेगा। यह सेंटर आईआईटी बीएचयू के लिए भविष्य में बड़ी उपलब्धि साबित होगा.