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मध्य प्रदेश में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा हवा हुई प्रदूषित

वायु प्रदूषण से कितने लोग असमय मर सकते हैं, इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते. मेडिकल रिसर्च जनरल लैसेंट में प्रकाशित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट आपको चौंका देगी. वायु प्रदूषण से पिछले साल 2019 में प्रदेश में 1 लाख 12 हजार लोगों की असमय मौत हुई थी.

चौंकाने वाली बात ये है कि इसमें 54101 मौतें घर के अंदर प्रदूषित हवा की वजह से हुई है, वहीं बाहरी प्रदूषण के कारण 53201 लोगों की जान चली गई. ICMR की रिपोर्ट कहती है कि मध्य प्रदेश में ओजोन गैस की वजह से भी 10832 मौतें हुई हैं.

मेडिकल रिसर्च जनरल लैसेंट में प्रकाशित आईसीएमआर की डेथ बर्डन रिपोर्ट 2019 सामने आई है. इस रिपोर्ट में वायु प्रदूषण के कारण राज्यों की अर्थव्यवस्था और लोगों की सेहत को हुए नुकसान के बारे में बताया गया है.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमारे घर का प्रदूषण बाहर के प्रदूषण से ज्यादा खतरनाक है. कच्चे मकान, झुग्गी बस्ती, बिना वेंटिलेशन वाले खराब इंफ्रास्ट्रक्चर के मकानों में पैदा होने वाला वायु प्रदूषण उसमें रहने वालों को पूरी तरह बीमार कर देता है. प्रदेश में काफी बड़े इलाके में अब भी ठोस ईंधन जैसे कोयला, लकड़ी, गोबर के कंडे, चारकोल, फसलों की नरवाई जलाने से हाउसहोल्ड प्रदूषण पैदा होता है.

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायरमेंटल हेल्थ भोपाल के डॉ. योगेश साबदे आईसीएमआर की स्टडी में शामिल थे. उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण से लोअर रेस्पिरेटरी इंन्फेक्शन, फेंफड़ों का कैंसर, हार्ट डिसीज, स्ट्रोक और टाइप-2 डायबिटीज जैसी कई गंभीर बीमरियां होती हैं. प्रदेश में एम्बिएंट एयर पॉल्युशन लगातार बढ़ रहा है.

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