किसान आंदोलन : किसान संगठनों ने किया एलान कहा हम 1 जनवरी को पूरे देशभर में करेंगे प्रदर्शन
नए कृषि कानूनों के खिलाफ डटे किसान अपना आंदोलन और तेज करने वाले हैं. सरकार को बातचीत का प्रस्ताव देने के बाद किसान संगठनों ने नए साल पर देशभर में जगह-जगह प्रदर्शन का ऐलान किया है. किसान संगठनों का कहना है कि हम 1 जनवरी को पूरे देशभर में प्रदर्शन करेंगे, हम चाहते हैं कि हर कोई किसानों के पक्ष में खड़ा हो.
इसके साथ ही किसान संगठनों ने कई शहरों में रैली करने का प्लान बनाया है. कल यानी 29 दिसंबर को पटना और थनजावुर में किसान विरोध रैली करेंगे. इसके अगले दिन यानी 30 दिसंबर को मणिपुर और हैदराबाद में किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ हल्ला बोलेंगे और रैली को संबोधित करेंगे.
इसके साथ ही किसानों ने अनिश्चिकाल के लिए टोल प्लाजा फ्री करने का फैसला किया है. पहले 25 से 27 दिसंबर तक टोल प्लाजा को फ्री करने का प्लान था, लेकिन अब आंदोलन को तेज करने के लिए अनिश्चितकाल तक टोल प्लाजा को फ्री कर दिया गया है. वहीं, 30 दिसंबर को कुंडली-मानेसर-पलवल हाइवे पर ट्रैक्टर रैली निकालने की तैयारी कर ली गई है.
इस बीच बातचीत के लिए किसानों के प्रस्ताव पर फैसला करने के लिए आज केंद्र सरकार की अहम बैठक होनी है. किसानों ने 29 दिसंबर को सरकार के साथ सातवें दौर की बैठक का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन इस शर्त के साथ कि बैठक में सबसे पहले तीनों कानून रद्द करने की प्रक्रिया पर चर्चा हो.
किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन और भी तेज होगा. रविवार को सिंघु बॉर्डर पर एक नया और बड़ा मंच तैयार कर लिया गया है. यूपी के कई जिलों से आज किसानों के जत्थे दिल्ली रवाना होने की तैयारी में हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ ये लोग दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों का समर्थन करने आ रहे हैं.
इससे निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़े अफसर तैनात कर दिए गए हैं. तमाम अफसर जिला स्तर पर किसान नेताओं से बैठक करेंगे और उन्हें नए कानूनों का फायदा बताकर दिल्ली जाने से रोकने की कोशिश करेंगे. वहीं, आज किसानों के समर्थन में पूरे राजस्थान में कांग्रेस किसान संवाद कार्यक्रम करेगी.
इसके तहत 30 दिसंबर तक पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे. राज्य के सभी मंत्री वैसे कार्यक्रम का हिस्सा होंगे. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपील है कि पार्टी नेता और कार्यकर्ता इस कार्यक्रम को सफल बनाएं. कांग्रेस केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रही है.