यूपी में कोरोना संक्रमितों का होगा रेंडम ‘जीन सिक्वेंसिंग’ टेस्ट, जानें कब होगा शुरू
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया रूप मिला है। वायरस के नए स्ट्रेन से दुनियाभर में हड़कंप हैं। ऐसे में घातक वायरस को लेकर यूपी में भी अलर्ट है। लिहाजा, सरकार ने लैब को अपग्रेड करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में केजीएमयू में जनवरी अंत तक जीन सिक्वेंसिंग जांच शुरू हो जाएगी। केजीएमयू में यूपी की पहली कोरोना टेस्ट लैब शुरू हुई। माइक्रोबायोलॉजी विभाग में बनी बीएसएल-थ्री लैब ने टेस्टिंंग में रिकॉर्ड कायम किया है। अब तक नौ लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। मगर, अभी यहां पर कोरोना वायरस के मौजूदा स्वरूप की जांच की ही सुविधा है।
ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने कोरोना के नए स्ट्रेन से निपटने के लिए व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर केजीएमयू ने कदम बढ़ा दिया है। वायरस के नए रूप की समयगत-सटीक पड़ताल करने के लिए जीन सिक्वेंसिंग करने का फैसला किया है। यह जनवरी अंत तक शुरू होगा। इसके साथ ही पीजीआइ में भी तैयारी चल रही है। यह टेस्ट मरीज में रेंडम होंगे।
मशीन उपलब्ध, किट आना बाकी
माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन के मुताबिक संस्थान में जीन सिक्वेंसर उपलब्ध हैं। इसी के जरिए जीन सिक्वेंसिंग जांच की जाएगी। वहीं मशीन के लिए आवश्यक रिएजेंट (अभिकर्मक) किट खरीदने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। उम्मीद है जनवरी के अंत तक जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट संस्थान में शुरू हो जाएंगे। इस टेस्ट के माध्यम से सिर्फ वायरस के स्ट्रेन की पड़ताल की जाएगी। इसके लिए लैब में कोरोना पॉजिटिव आए मरीजों के रेंडम सैंपल लिए लाएंगे। इनमें मौजूद वायरस के रूप को जांचा जाएगा। यह नया वायरस है या पुराना वाला ही है। वायरस में कहीं म्यूटेशन तो नहीं हो रहा है, यह सब समय पर जानकारी हो सकेगी। अभी जीन सिक्वेंसिंग की सुविधा पुणे समेत देश की चार लैबों में ही है।
नए स्ट्रेन को लेकर जीन सिक्वेंसिंग अनिवार्य
ब्रिटेन से लौटे यात्रियों को लेकर केंद्र सरकार ने गाइड लाइन जारी की है। इसमें पहले यात्रियों का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा है। वहीं कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें कोविड अस्पताल के अलग वार्ड में भर्ती किया जाए। इसके साथ ही पॉजिटिव मरीज में कोरोना वायरस का कौन सा रूप मौजूद है, इसके लिए जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट अनिवार्य किया गया है। यूपी में अभी जीन सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल पुणे भेजने का ही विकल्प है।