कैरी बैग का पैसा वसूलने वालों को लगा बड़ा झटका आप भी जान ले….
राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने बड़े बड़े मॉल में कैरी बैग के लिए अलग से पैसे वसूलने को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस करार दिया है। आयोग ने निर्देश दिया है कि इस पर तत्काल प्रभाव रोक लगाई जाए।
एनसीडीआरसी ने सुनवाई के बाद इस संबंध में जिला उपभोक्ता फोरम और चंडीगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग के फैसलों को सही ठहराते हुए एक बड़ी कंपनी की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।
एनसीडीआरसी ने अपने फैसले में कहा कि आमतौर पर रिटेल आउटलेट कस्टमर्स को कैरी बैग फ्री में उपलब्ध कराते हैं। जिससे वह खरीदा हुआ सामान आसानी से घर ले जा सकें।
बिग बाजार पहले ग्राहकों को मुफ्त में पॉलीथिन का कैरी बैग देता था, लेकिन बाद में पॉलीथिन की जगह कपड़े का कैरी बैग देना शुरू कर दिया है। इसकी अब बिग बाजार अलग से कीमत वसूल रहा है।
आयोग ने कहा कि आउटलेट में घुसने और चीजें चुनने से पहले ग्राहकों का यह जानने का अधिकार है कि उनसे कैरी बैग की कीमत अलग से वसूली जाएगी। ग्राहक को यह भी जानने का भी अधिकार है कि उस कैरी बैग की कीमत कितनी होगी।
इस बारे में ग्राहक को प्रमुखता से पूर्व सूचना दी जानी चाहिए। यह सूचना रिटेल आउटलेट के प्रवेश द्वार पर भी दी जानी चाहिए, ताकि ग्राहक आउटलेट के अंदर जाने के पहले ही यह तय कर सके कि उसे यहां से खरीदारी करनी है कि नहीं।
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि यह नहीं हो सकता कि ग्राहक के चीजें खरीद लेने के बाद पेमेंट काउंटर पर पैसे देते वक्त बताया जाए कि उससे कैरी बैग की अलग से कीमत वसूली जाएगी।
भुगतान काउंटर पर ग्राहक को कैरी बैग के लिए अलग से कीमत देने की बात बताने से न वह सिर्फ परेशान और प्रताड़ित महसूस करेगा, बल्कि उसका आउटलेट में घुसने और सामान चुनने से पहले जानकारी होने का अधिकार भी प्रभावित होता है।
इसी के साथ आयोग ने उपभोक्ता कानून की धारा 39 (1) (जी) के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए बिग बाजार के संचालकों को आदेश दिया है कि वह आउटलेट में खरीदारी के लिए जाने और सामान चुनने से पूर्व नोटिस दिए बिना ग्राहकों से भुगतान के समय उनसे कैरी बैग की अलग से कीमत वसूलने की अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस तत्काल प्रभाव से बंद करे।