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बिहार में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से सबसे ज्यादा हो रहा मरीजों को नुकसान

बिहार में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल छठे दिन भी जारी है. डॉक्टरों की हड़ताल का बुरा असर बिहार की स्वास्थ्य सेवा पर पड़ रहा है. सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच से अब मरीजों का मोह भंग होने लगा है तो वहीं भर्ती मरीजों का भगवान भरोसे इलाज चल रहा है.

हड़ताल के कारण नए मरीजों की संख्या में कमी आने लगी है, क्योंकि अस्पताल केवल सीनियर डॉक्टरों से नहीं सम्भल रहा है. पटना के पीएमसीएच अस्पताल में अभी तक 100 से ज्यादा ऑपरेशन टल चुके हैं.

इस बीच राज्य के जूनियर डॉक्टरों ने आर पार की लड़ाई का अल्टीमेटम दिया है और स्टाइपेंड नहीं बढ़ाए जाने तक हड़ताल पर ही रहने की बात कर रहे हैं. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक के मरीज परेशान हैं, लेकिन सरकार तमाशा देख रही है. आलम यह है कि सीनियर डॉक्टर भी लापरवाह बने हैं और टाइम पर ड्यूटी नहीं पहुंच रहे हैं.

कई ऐसे गरीब और मजबूर मरीज मिले जो इलाज के लिए भटक रहे हैं और इलाज नहीं हो पा रहा है. हैरानी की बात तो ये है कि ओपीडी का वक्त सुबह 9 बजे से ही शुरू होता है, लेकिन सीनियर डॉक्टर भी हड़ताल के दौरान मुस्तैद नहीं दिखे. मरीजों ने जहां अपना दर्द बयां किया तो अस्पताल कर्मी गोल मटोल जवाब देते नजर आए.

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