डलहौजी में पारा पंहुचा माइनस में पहाड़ी इलाकों में हुई जमकर बर्फबारी
2020 अब विदा होने वाला है, लेकिन विदाई से पहले देश के कई हिस्सों पर सफेद आफत से त्राहिमाम मचा है. पहाड़ी इलाकों में जमकर बर्फबारी हो रही है. हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बेहिसाब बर्फबारी हो रही है.
कई इलाकों में पारा माइनस में कई डिग्री तक नीचे चला गया है. पश्चिमी हिमालय से आने वाली ठंडी और शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाओं से शीतलहर की आशंका है. ये हवाएं नए साल से पहले पटना तक पहुंच सकती हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, ये हवाएं उत्तर भारत के न्यूनतम तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक की कमी लाएंगी.
डलहौजी में पारा माइनस में चला गया है. यहां करीब 4 फीट बर्फबारी हुई है. इस बर्फबारी में टूरिस्टों को मजा तो आ रहा है, लेकिन संकट भी खड़ा हो गया है. टूरिस्टों की कारें जहां थीं, वहीं जम गई हैं, रास्तों पर भी बर्फ ही बर्फ बिछी है. यानी तमाम टूरिस्ट फंस गए हैं.
पहाड़ों की रानी कहे जाने वाले शिमला में सबकुछ बर्फ में दबा, ढका नजर आ रहा है, पेड़, पहाड़, होटल, रास्ते, कारें, बर्फ ने सबकुछ अपनी आगोश में ले लिया है. शिमला में रास्तों पर इतनी बर्फ जम गई है कि जेसीबी से हटानी पड़ रही है.
शिमला में सीजन की ये पहली बर्फबारी हुई है. लेकिन बर्फबारी की मार से ऊपरी शिमला का संपर्क देश और दुनिया से कट चुका है, जो जहां हैं, वहीं रह गया है. शिमला शहर के कई इलाकों में बिजली भी गुल है.
हिमाचल प्रदेश के सोलन में भी जबरदस्त बर्फबारी हो रही है. आपको बता दें कि सोलन दिल्ली से महज 300 किलोमीटर दूर है और चंडीगढ़ से सिर्फ 65 किलोमीटर दूर है. हिमाचल प्रदेश के चैल में मौसम की पहली बर्फबारी हुई है.
वहीं, हिमाचल प्रदेश के कुफरी में 30 सेंटीमीटर से ज्यादा बर्फबारी हुई है, तो डलहौजी में 22 सेंटीमीटर बर्फ गिरी है. जबकि कोठी में 18 सेंटीमीटर, खदराला में 14, निचार में 10, शिमला में 9, जुब्बलहट्टी में 4, केलांग में 3 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है.
एक तरफ बर्फबारी और दूसरी बारिश के चलते पारा भी माइनस में चला गया है. हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में माइनस 3.4 डिग्री सेल्सियस, कुफरी में माइनस 2.4 डिग्री और शिमला में पारा माइनस 1.1 डिग्री सेल्सियस चला गया है. जबकि मनाली में पारा माइनस 0.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है.
कश्मीर के श्रीनगर में आसमान से बर्फ गिर रही है. सड़कों पर बर्फ की मोटी परत जम गई है. कश्मीर में 40 दिन का ‘चिलाई कलां’ का दौर चल रहा है, इस दौरान कश्मीर में कड़ाके की ठंड के साथ भयंकर बर्फबारी होती है. सर्दी का आलम ये रहता है कि पानी की लाइनें भी जम जाती हैं. ये चिलाई कलां 21 दिसंबर से शुरू हुआ है और 31 जनवरी तक चलेगा.
जम्मू-कश्मीर के पटनीटॉप, बटोटे और कई दूसरे इलाके भीषण बर्फबारी की चपेट में हैं. ऐसे में कड़ाके की ठंड के चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा है. राजस्थान में जहां गर्मियों में पारा 50 डिग्री के पार पहुंच जाता है, वहां आजकल बर्फ जम रही है. खुले बर्तनों में रखा पानी जम जा रहा है, तो पेड़ों पर ओस की बूंदें भी बर्फ बन रही है.
राजस्थान के माउंट आबू में गर्मियों में पारा 50 डिग्री तक चला जाता है और अब ये लुढ़ककर -4 डिग्री पर आ गया है. खेतों में बर्फ की चादर सी बिछी हुई है. माउंट आबू में ओस जमकर बर्फ बन गई है. गर्मियों में देश का सबसे गर्म शहर बनने वाला फतेहपुर शेखावटी, आजकल बर्फिस्तान बना हुआ है. फतेहपुर शेखावटी में इस वक्त शिमला जैसा मौसम है.
पेड़ों पर टपकती ओस की बूंदे बर्फ बन गई हैं. गमलों में बर्फ जम चुकी है. खेतों में रखा बर्तनों का पानी बर्फ में बदल चुका है. पूरा फतेहपुर शेखावटी इस वक्त भयंकर शीतलहर की चपेट में है.
मध्य प्रदेश भी ठंड से जम रहा है. यहां मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ में सुबह-सुबह खेतों में फसलों पर बर्फ ही बर्फ जमी हुई दिखाई दे रही है. मंदसौर में पाला पड़ रहा है. किसानों को डर है कि कहीं उनकी फसलें खराब ना हो जाएं. चना, गेहूं, मेथी, आलू और अफीम की खेती के लिए ये पाला बहुत ही नुकसान दायक है.
दिल्ली का मौसम भी बिगड़ रहा है और कड़ाके की ठंड पड़ रही है. दिल्ली में नए साल पर कोहरा और ठंड एक साथ मिलकर कोहराम मचाने जा रहे हैं. मौसम वैज्ञानिक दिल्ली वालों को ठंड से आगाह कर रहे हैं. ऐसे में नए साल की पार्टियों में कोरोना के साथ साथ ठंड का भी खतरा है.
पहाड़ों में बर्फबारी के चलते दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. मंगलवार से लेकर 4 दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में शीत लहर के चलते जबरदस्त ठंड पड़ेगी. इसके साथ ही नए साल का स्वागत भी कड़ाके की ठंड के साथ होगा. मौसम विभाग के मुताबिक 31 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने का अनुमान है, इसलिए उस दिन ठंड ज्यादा रहेगी.