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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शुरू करने जा रही राज्य संस्कृति पुरस्कार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सरकार अब यशभारती पुरस्कार योजना की तर्ज पर एक नए पुरस्कार को शुरू करने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंशा जताई है

कि यूपी सरकार की तरफ से कलाकार, समाजसेवी, संस्कृति कर्मी और बुद्धजीवियों का सम्मान करने के लिए इस पुरस्कार योजना को शुरू किया जाए. इस पुरस्कार की योजना विभाग ने बना ली है.

इसे ‘राज्य संस्कृति पुरस्कार’ के नाम से जाना जाएगा और कुल 25 लोगों को इसके तहत सम्मानित किया जायेगा. इस योजना में सबसे बड़ा पुरस्कार 5 लाख रूपये का होगा, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर दिया जाएगा.

इससे पहले साल 1994 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पहल पर यश भारती पुरस्कार योजना की शुरुआत हुई थी.

पहले इस पुरस्कार की राशि एक लाख रूपये हुआ करती थी. आखिरी बार यह पुरस्कार साल 2006 में दिए गए थे. उसके बाद मायावती की बसपा सरकार ने इन पुरस्कारों को बंद कर दिया था.

साल 2012 में सपा सरकार के आने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर यह पुरस्कार फिर से साल 2015 में शुरू किए गए थे.

अखिलेश यादव ने पुरस्कार की राशि बढ़ाकर 11 लाख रुपये कर दी थी. साथ ही साथ पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति को आजीवन 50 हज़ार रूपये पेंशन दिए जाने का भी प्रावधान किया गया था.

लेकिन नए पुरस्कारों में सबसे बड़ी राशि 5 लाख रूपये की होगी जो कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के नाम पर दिया जाएगा. इसके अलावा राज्य संस्कृति पुरस्कार में पुरस्कार राशि 2 लाख रूपये रखी जाएगी. इसके लिए राज्य के संस्कृति विभाग ने अगले वित्त वर्ष के लिए बजट का प्रावधान करने के लिए प्रस्ताव भी भेज दिया है.

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