बड़ा फैसला: एमके स्टालिन या एमके अलागिरी कौन होगा डीेएमके अध्यक्ष
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की मौत के बाद उनके बेटे और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को मंगलवार को आधिकारिक तौर पर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया जा सकता है। आज पार्टी मुख्यालय पर डीएमके के सामान्य परिषद की बैठक है जिसमें उनके राज्याभिषेक पर फैसला होगा। बैठक से पहले मुख्यालय पहुंचकर स्टालिन ने अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन भर दिया है।
डीएमके के दूसरे अध्यक्ष के तौर पर स्टालिन की राह आसान मानी जा रही है क्योंकि पार्टी के 65 जिलों के सचिवों ने उनका नाम प्रस्तावित किया है और पद के लिए अकेले उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया है। अपने पिता के बाद वह पार्टी के दूसरे अध्यक्ष बनेंगे। इससे पहले 49 सालों तक करुणानिधि इस पद पर काबिज थे। स्टालिन जनवरी 2017 से पिता का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे थे। इस महीने की शुरुआत में पिता की मौत के बाद उनका पार्टी सुप्रीमो बनना जरूरी हो गया है।
पिता की मौत के बाद एमके स्टालिन और उनके भाई एमके अलागिरी के बीच लगातार जुबानी जंग जारी है। अलागिरी पार्टी में शामिल होने की ताक में हैं। पूर्व डीएमके मंत्री को करुणानिधि ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और अपमानजनक टिप्पणी करने की वजह से 2014 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद उन्होंने एमके स्टालिन को अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया था।
करुणानिधि की तबीयत खराब होने की वजह से स्टालिन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर शक्तियां हस्तांतरित कर दी गई थीं। अलागिरी का दावा है कि पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष होने के बावजूद स्टालिन कामचलाऊ हैं। स्टालिन ने हालांकि अपने भाई की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा था कि कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद से वह लगातार पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।