कृषि बिल के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान ने यूपी गेट पर की खुदखुशी, मिला सुसाइड नोट
उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले एक बुजुर्ग किसान ने शनिवार सुबह यूपी गेट विरोध स्थल पर एक मोबाइल शौचालय में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने कहा कि मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया है।
मृतक किसान की पहचान 60 वर्षीय सरदार कश्मीर सिंह के रूप में हुई है। वह यूपी गेट पर चल रहे किसानों के आंदोलन में शामिल थे, जहां 28 नवंबर से यूपी, उत्तराखंड और पंजाब के किसान धरने पर बैठे हैं। किसानों ने कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर जारी किसानों का आंदोलन अब तक बेनतीजा रहने से सरदार कश्मीर सिंह परेशान थे।
सीओ (इंदिरापुरम) अंशु जैन ने कहा, “मृतक की उम्र लगभग 60 वर्ष है और उनका शव धरना स्थल पर एक मोबाइल शौचालय में लटका हुआ पाया गया था। उन्होंने पंजाबी भाषा में लिखा एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। हमने यूपी गेट पर किसानों की कमेटी से बात की है और वो पोस्टमॉर्टम और अन्य औपचारिकताओं के बारे में जल्द फैसला लेंगे।”
यूपी गेट पर ही जताई अंतिम संस्कार की इच्छा
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक शमशेर राणा ने कहा, “अपने सुसाइड नोट में उन्होंने किसानों की मांगों को नहीं मानने के लिए सरकार को दोषी ठहराया है और यह भी उल्लेख किया है कि उनका अंतिम संस्कार यूपी गेट पर किया जाए। हालांकि, यह संभावना है कि उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक स्थान पर भेज दिया जाएगा और उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा।”
यूपी गेट पर बीते 24 घंटे में यह दूसरी मौत की घटना है। शुक्रवार को यूपी गेट के धरना स्थल पर लगभग 57 साल के एक अन्य किसान गल्तान सिंह की मौत हो गई थी। वह यूपी के बागपत जिले के रहने वाले थे, हालांकि उनकी मौत के कारणों का पता नहीं चल सका क्योंकि उनके परिवार ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया था। उनके भाई ने कहा कि मृतक ने शुक्रवार सुबह सांस फूलने की शिकायत की थी और बाद में उनकी मौत हो गई।
4 जनवरी को फिर होगी वार्ता
यूपी गेट सहित दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक नया कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। नए कृषि कानूनों पर बीच का रास्ता निकालने को केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अगले दौर की वार्ता 4 जनवरी को होनी है।
बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, “सरकार के साथ पिछली वार्ता के दौरान दो प्रमुख मुद्दों पर कोई बात नहीं बनी थी। इसलिए, हमने आगे बढ़ने का फैसला किया और दो अन्य मुद्दों को हल किया। हालांकि, तीनों कृषि कानूनों रद्द करने और MSP पर नया कानून बनाने जैसे हमारे प्रमुख मुद्दों को 4 जनवरी को वार्ता के दौरान फिर से उठाया जाएगा, तब तक, हम अपना विरोध जारी रखेंगे। ”