भीमा कोरेगांव हिंसा का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट…
न्यायालय में दायर याचिका में इन कार्यकर्ताओं की रिहाई का अनुरोध किया गया है। इसके अलावा, इन गिरफ्तारियों के मामले की स्वतंत्र जांच कराने का भी अनुरोध याचिका में किया गया है।
उधर, महाराष्ट्र पुलिस द्वारा अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा की याचिका पर दोपहर सवा दो बजे दिल्ली उच्च न्यायालय सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय से मामले में ‘गिरफ्तारी के व्यापक दौर’ के लिए महाराष्ट्र से स्पष्टीकरण मांगने का अनुरोध किया। याचिकाकर्ताओं ने उच्चतम न्यायालय से अपील की है कि वह भीमा-कोरेगांव मामले में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के संबंध में सीधे स्वतंत्र जांच का निर्देश दें।
इससे पहले पुलिस ने इस मामले में जून, 2018 में गिरफ्तार पांच लोगों में एक के ठिकाने से पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश से जुड़ा एक पत्र जब्त किया था। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ही तरह मोदी को भी निशाना बनाने की बात कही गई थी। इस पत्र से ही वरवरा राव का नाम सामने आया था।
वहीं राहुल गांधी का कहना है कि नए भारत में सिर्फ एक ही एनजीओ के लिए जगह है और उसका नाम आरएसएस है। बाकी सभी एनजीओ बंद कर देने चाहिए। सभी कार्यकर्ताओं को जेल भेज दीजिए और शिकायत करने वाले को गोली मार दीजिए। उन्होंने केरल में बाढ़ पीड़ितों पर बोलते हुए नागपुर को निशाना बनाया। भीमा कोरेगांव हिंसा पर कार्रवाई के बाद राहुल इस मुद्दे को हथियार बनाकर आरएसएस विचारधारा को निशाना बना रहे हैं।
सुरक्षा अधिकारियों का दावा है कि 2016 के पत्र में नक्सलियों के बीच मोदी, शाह और सिंह की हत्या को लेकर बातचीत है, जबकि 2017 के पत्र में पूर्व पीएम राजीव गांधी की तरह मोदी को रोडशो के दौरान निशाना बनाने की बात कही गई है। दिल्ली की रोना विल्सन के घर से मिला दूसरा खत कामरेड प्रकाश को संबोधित था। ये खत अप्रैल में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 39 नक्सलियों को ढेर करने के बाद मिले थे। इस खत में अमेरिकी एम-4 राइफल और कुछ हथियार खरीदने के लिए कुछ करोड़ रुपये इकट्ठा करने को भी कहा गया था।