हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू ने दी दस्तक कई विदेशी पक्षियों की हुई मौत
हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के बीच अब बर्ड फ्लू ने भी दस्तक दी है. कांगड़ा जिला में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. यहां पर पौंग झील में मर रहे विदेशी परिंदों में बर्ड फ्लू पाया गया है.
भोपाल लैब की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है. पौंग झील में बीते 10 दिन से 1900 से ज्यादा विदेशी पक्षियों की मौत हो चुकी है. वन और स्वास्थ्य विभाग ने इन पक्षियों के सैंपल लिए थे और
भोपाल और बरेली से भेजे थे, जिनकी रिपोर्ट अब सोमवार शाम को आई है और रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है. हालांकि, इससे पहले पालमपुर व जालंधर प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में भी बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत का खुलासा हुआ था.
कांगड़ा जिला प्रशासन ने देहरा, ज्वाली, इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल में चिकन, अंडे, मछली समेत पोल्ट्री उत्पादों को बेचने पर रोक लगा दी है. पौंग बांध के किनारे निरीक्षण टीमें तैनात की गई हैं.
लाउडस्पीकर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. पौंग बांध के एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्र को अलर्ट जोन घोषित किया गया है. बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए 9 किलोमीटर क्षेत्र को निगरानी जोन में रखा गया है.
इन क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों पर भी पाबंदी लगा दी गई है. पौंग बांध और उससे सटे क्षेत्रों में पशुओें को छोड़ने और खेतीबाड़ी जैसी गतिविधियों पर भी पाबंदी रहेगी.
आदेशों की अवहेलना करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. यह जानकारी उपायुक्त राकेश प्रजापति ने सोमवार को वन्य प्राणी विभाग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित अहम बैठक के बाद दी.
उन्होंने कहा कि चारों उपमंडलों के निजी पोल्ट्री संचालक, मीट विक्रेता, पशुओं, पक्षियों इत्यादि को बाहरी क्षेत्रों में भी नहीं बेच सकेंगे. यदि जरूरत पड़ी तो निर्देशों की पालना के लिए पुलिस बल को भी तैनात किया जा सकता है.