उत्तराखंडप्रदेश

राज्य सरकार की ओर से UK का पहला बस पोर्ट बनाने के लिए वन विभाग से मांगी गई अतिरिक्त भूमि

रामनगर में परिवहन सुविधाएं बढ़ाने की कवायद शुरू हो चुकी है। राज्य सरकार की ओर से उतराखंड का पहला बस पोर्ट बनाने के लिए वन विभाग से अतिरिक्त भूमि मांगी गई है। दोनों विभागों के स्तर पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

काॅर्बेट पार्क होने की वजह से रामनगर में स्वीकृत बस पोर्ट का महत्व और भी बढ़ जाता है। पर्यटन के लिए विश्वविख्यात रामनगर में परिवहन सुविधाओं को दुरुस्त करने की कवायद पिछले साल से तेज हो गई थी। केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने यात्री सुविधाओं से लैस बस पोर्ट बनाने की योजना के तहत राज्यों से प्रस्ताव मांगे थे।

राज्य सरकार की पहल पर उत्तराखण्ड परिवहन मुख्यालय ने रामनगर को बस पोर्ट के लिए चयनित कर केंद्र को सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को भेज दिया था। पिछले साल ही इस प्रोजेक्ट को परिवहन मंत्रालय ने स्वीकृति दे दी थी। केंद्र सरकार द्वारा 27 करोड़ की लागत से रामनगर में बनने वाले बस पोर्ट के लिए एनएचआईडीसीएल (नेशनल हाइवे ईनफ्राटेक्क्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन) द्वारा आठ मई को निविदा भी जारी कर दी गई थी।

करीब दो एकड़ में फैले रोडवेज में बस पोर्ट बनना प्रस्तावित है। जिसे बारह महीने में बनकर तैयार हो जाना है। फिलहाल अभी राज्य सरकार द्वारा दी गई दो करोड़ रुपये की धनराशि से चाहरदीवारी व जमीन का समतलीकरण का कार्य चल रहा है। वर्तमान में जिस दो एकड़ भूमि पर रोडवेज डिपो स्थित है, वह वन विभाग की लीज की भूमि है। अब बस पोर्ट के लिए कुछ और जमीन की जरूरत है।

ऐसे में रोडवेज डिपो द्वारा वन विभाग से 0.15 हेक्टेयर और भूमि की मांग की है। वन विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण करके अतिरिक्त भूमि को रोडवेज को देने कर लिए सहमति जता दी है। रोडवेज डिपो द्वारा अब वह विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके बाद वन भूमि रोडवेज को लीज पर मिलते ही बस पोर्ट बनाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। रामनगर डिपो के प्रभारी नवीन आर्य बताते हैं कि बस पोर्ट का निर्माण 2021 में हो जाएगा। अभी कुछ और वन भूमि लीज पर विभाग को चाहिए। वन भूमि अभी विभाग को ट्रांसफर होनी है।

बस पोर्ट में मिलेंगी ये सुविधाएं

बस पोर्ट में वेटिंग रूम, वाश रूम से लेकर रेस्तरां आदि होंगे। वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था भी होगी। बस पोर्ट से कुमाऊं और गढ़वाल में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। रामनगर के लोगों को भी स्थानीय स्तर पर काफी रोजगार मिल सकेगा। इसके अलावा सरकार को अच्छा राजस्व भी मिलेगा। रोडवेज डिपो के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में रामनगर रोडवेज डिपो की प्रतिदिन की करीब आय पांच लाख रुपये हैं। इस हिसाब से सलाना आय करीब 18 करोड़ रुपये होती है।

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