माल्या के बाद अब मेहुल चोकसी ने उठाए भारतीय जेलों पर सवाल
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहूल चोकसी के वकील डेविड ए डोरसेट ने कहा है कि अभी उन्हें एंटीगुआ की सरकार या भारत सरकार की ओर से प्रत्यर्पण संबंधी कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा है कि उनके मुवक्किल मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की अदालत में संवैधानिक याचिका दायर की है और कहा है कि भारत में जेलों की दशा अच्छी नहीं है.
चोकसी के वकील का कहना है कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और वह राजनीतिक उत्पीड़न के शिकार हुए हैं. उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल ने भारत में जेलों की खराब स्थिति का हवाला देकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं. वकील डेविड ने कहा है कि चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप गलत हैं. उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है. यह पूछने पर कि क्या मेहुल के कांग्रेस के साथ लूज कनेक्शन रहे हैं, क्या ये उसे राजनीतिक पीड़ित साबित करने की कोशिश के तहत कहा गया, वकील डेविड ने कहा कि वह राजनीतिक उत्पीड़न के शिकार हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने मेहुल से कहा कि वह कांग्रेस के नेताओं का नाम क्यों नहीं ले रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मैं भारत में किसी राजनीतिक बहस में नहीं पड़ना चाहता.’
बता दें कि मेहुल चोकसी को कई बार भारतीय एजेंसियों के द्वारा समन जारी किया जा चुका है. हालांकि, हर बार उसने भारत आने में असमर्थता जाहिर की है. इससे पहले चोकसी यह भी कह चुका है कि अगर वह भारत आता है, तो उसके साथ लिंचिंग हो सकती है. गौरतलब है कि इससे पहले 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी विजय माल्या ने लंदन कोर्ट में बीते दिनों दलील दी थी कि आर्थर रोड जेल में रोशनी नहीं आती और वहां कई बार मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है. जिसे देखते हुए लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने भारत से उस जेल का वीडियो भी देने को कहा था, जहां प्रत्यर्पण के बाद माल्या को रखे जाने की योजना है.