संगीतकार ए. आर. रहमान आज अपना 54वां बर्थडे कर रहे सेलिब्रेट
हिंदुस्तानी संगीत को देश दुनिया तक पहुंचाने वाले संगीतकार एआर रहमान का आज 54वां जन्मदिन है. चेन्नई में एक साधारण परिवार में जन्मे रहमान बचपन में हिंदू थे
और उनका नाम दिलीप कुमार था. बहन के साथ हुए एक हादसे के बाद उन्होंने अपना धर्म परवर्तन कर लिया और वो दिलीप कुमार से अल्लाह रक्खा रहमान बन गए.
रहमान के पिता आर के शेखर भी संगीतकार थे और जब रहमान नौ साल के थे तभी उनका निधन हो गया था. रहमान की देख रेख उनकी मां करीमा (कस्तूरी) ने की.
11 साल की उम्र से ही रहमान ने काम करना शुरू कर दिया था. पिता की मौत के बाद रहमान को घर चलाने के लिए म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स भी बेचने पड़े थे.
ऐसा कहा जाता है कि 1984 में रहमान की मुलाकात कादरी तारीक से हुई जब उनकी बहन बीमार थी और हालत गंभीर थी.
इसके बाद उनकी बहन बिल्कुल ठीक हो गई. कादरी से मुलाकात के कुछ समय बाद ही रहमान ने धर्म बदल लिया और वो दिलीप कुमार से अल्लाह रक्खा रहमान बन गए. अब लोग उन्हें ए. आर. रहमान के नाम से जानते हैं.
रहमान को 1992 में ‘रोजा’ फिल्म से अपने करियर का एक बड़ा ब्रेक मिला था. उसके बाद से वो ‘रंगीला’, ‘ताल’, ‘दिल से’, ‘जोधा अकबर’ ‘रंग दे बसंती’ और ‘रॉकस्टार’ जैसी सैकड़ों फिल्मों के लिए शानदार संगीत दे चुके हैं.
एंड्रयू लॉयड बेबर ने ब्रोडवे म्यूजिकल ‘बाम्बे ड्रीम्स’ का संगीत तैयार करने का प्रस्ताव देकर उन्हें पहला अंतर्राष्ट्रीय ब्रेक दिया था, जिसने उन्हें अपार ख्याति दिलाई थी.
रहमान 2009 में फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ के लिए दो ऑस्कर जीतकर भारत का नाम रोशन कर चुके हैं. उन्हें फिल्म के गीत ‘जय हो’ के लिए बेस्ट ऑरिजिनल स्कोर और बेस्ट ऑरिजिनल सॉन्ग के लिए पुरस्कार दिया गया था. गीत के बोल गुलजार ने लिखे थे.
2009 में रहमान को दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में भी शामिल किया जा चुका है.
भारत सरकार रहमान को 2010 में पद्मभूषण अवॉर्ड से भी नवाज चुकी है.
2011 में रहमान को 83वें वार्षिक अकेडमी अवॉर्ड्स में डेनी बॉयल की फिल्म ‘127 आवर्स’ में ऑरिजिनल स्कोर के लिए और इसी फिल्म के लिए ऑरिजिनल सॉन्ग ‘इफ आई राइज’ के लिए भी दो नॉमिनेशन मिल चुके हैं.
रहमान की पत्नी का नाम सायरा बानो है. उनके तीन बच्चे हैं जिनके नाम खतीज, रहीम और आमीन है.