वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर रेवाड़ी-न्यू मदार सेक्शन की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 306 किमी लंबे रेवाड़ी-न्यू मदार सेक्शन की शुरुआत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की। साथ ही इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन से चलने वाली डबल स्टैक लॉन्ग हॉल कंटेनर ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। मोदी ने कहा- देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्वस्तरीय बनाने के लिए आज नई गति हासिल की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 10-12 दिनों में ही डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए, ड्राइवरलेस मेट्रो, ओडिशा में IIT कैम्पस का उद्घाटन किया गया। देश की 450 किलोमीटर लंबी मेंगलुरु-कोच्चि गैस पाइपलाइन का उद्घाटन हुआ।
आज वेस्टर्न कॉरिडोर देश को समर्पित हुआ है। ये तो मैं वह कह रहा हूं जिसमें मुझे जुड़ने का सौभाग्य मिला। कई और मंत्रियों की ओर से देशभर में यह सिलसिला चल रहा है कि देश ने यह कोरोना के कालखंड में किया है।
देश की दो वैक्सीन ने देशवासियों में विश्वास पैदा किया है। कोरोना की शुरुआत से ही यह तेजी देखकर-सुनकर कौन हिंदुस्तानी होगा, कौन मां भारती का लाल होगा जिसका माथा गर्व से ऊंचा नहीं होगा। आज हर भारतीय का आह्वान है कि न हम थकेंगे, न रुकेंगे। हम और तेजी से आगे बढ़ेंगे।
फ्रेट कॉरिडोर को आज गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है। कुछ दिन पहले जो न्यू भाऊपुर-खुर्जा प्रोजेक्ट शुरू हुआ है, उस रास्ते पर मालगाड़ियों की रफ्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटा तक दर्ज की गई है। यह पहले से तीन गुना है। भारत के विकास को ऐसी ही स्पीड चाहिए और ऐसी ही प्रगति चाहिए।
आज राजस्थान के न्यू किशनगंज के लिए डबल स्टैक मालगाड़ी रवाना की गई है। यानी डिब्बे के ऊपर डिब्बे वाली मालगाड़ी। इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाले कुछ चुने हुए देशों में शामिल हो गया है।
साथियों हम सब जानते हैं कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण जितना जीवन के लिए जरूरी है, उतना ही कारोबार के लिए भी जरूरी है। इनसे जुड़ा कार्य अर्थव्यवस्था के इंजनों को गति देता है। इनसे मौके पर ही रोजगार नहीं मिलता, बल्कि अनेक सेक्टरों में भी रोजगार का निर्माण होता है।
इस नए कॉरिडोर से 133 स्टेशन कवर होते हैं। इन स्टेशनों पर मल्टी लेवल पार्क बनेंगे। कंटेनर डिपो, कंटेनर टर्मिनल होंगे। न जाने ऐसी कितनी व्यवस्थाएं विकसित होने वाली हैं। इनका लाभ हमारे गरीब, हमारे गांव के लोगों और किसानों को होगा। साथ ही बड़े मैन्युफैक्चरर को आने का मौका मिलेगा।
जापान और वहां के लोग भारत की विकास यात्रा में एक भरोसेमंद मित्र की तरह रहे हैं। कौन कह सकता है कि देश में रेल यात्रियों के क्या अनुभव रहते थे। बुकिंग से लेकर यात्रा समाप्ति तक शिकायतों का अंबार रहता था।
बीते छह सालों में रेलवे लाइनों के चौड़ीकरण और इलेक्ट्रिफिकेशन पर जितना काम हुआ है, पहले नहीं हुआ। आज भारत में सेमी-हाईस्पीड ट्रेन चल रही है। मुझे उम्मीद है कि भारतीय रेलवे ऐसे ही देश की सेवा करती रहे। इसके लिए मैं रेलवे के साथियों को धन्यवाद देता हूं