बर्ड फ्लू को लेकर विभाग पोल्ट्री फार्म की बारीकी से निगरानी की जा रही है। हालांकि अभी राज्य में मुर्गी और बत्तख में अभी एवियन इंफ्लुइंजा के लक्षण नहीं पाए गए हैं। पशुपालन निदेशक डॉ. केके जोशी के अनुसार राज्य में 29 दिसंबर तक सभी पोल्ट्री फार्म की सैंपलिंग की गई थी। अब तक रिपोर्ट सामान्य ही है। बहरहाल, दूसरे राज्यों में बर्ड फ्लू को देखते हुए जिला स्तरीय अधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू के केस सामने आने के बाद से राज्य में भी अलर्ट घोषित हो चुका है। गुरूवार को स्वास्थ्य महानिदेशालय में भी स्वास्थ्य, पशुपालन और वन विभाग के अफसरों की हुई है। इसमें वर्तमान हालात की समीक्षा करते हुए भावी रणनीति पर भी चर्चा की गई। पशुपालन निदेशक के अनुसार राज्य में हर साल सर्दियों के दौरान नियमित रूप से जांच की जाती रही है। देश के अन्य राज्यों में बर्ड फ्लू को देखते हुए पूरे विभाग को अलर्ट पर रखा गया है।
उन्होंने कहा कि सभी सीवीओ केा व्यक्तिगत स्तर पर हालात पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। पक्षियों में किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित मृत्यु के मामले सामने आने पर मृत पक्षी का सैंपल उसी दिन एचएसएडीएल-भोपाल भेजने को कहा गया है। हालांकि अब तक राज्य में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। कुछ समय पहले पौड़़ी से बीमारी का मामला सामने आया था। उसकी सैंपल काफी पहले जांच के लिए भेजा जा चुका है। उसमें भी कोई गंभीर विषय सामने नहीं आया है।
15 हजार पोल्ट्री फार्म हैं उत्तराखंड में
राज्य में पोल्ट्री फार्म की संख्या 15 हजार के करीब है। इनमें 408 फार्म बड़े फार्म की श्रेणी में है। इनमें एक हजार से ज्यादा पक्षी होते हैं। इसके साथ ही 14 हजार 503 छोटे पोल्ट्री फार्म हैं। छोटे पोल्ट्री फार्म की श्रेणी में 30 से 200 मुर्गियों वाले फार्म आते हैं। राज्य में हर साल 47 करेाड़ अंडों का उत्पादन होता है।