गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री व यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे शंकर सिंह वाघेला ने शुक्रवार को राजस्थान से दिल्ली के लिए किसान यात्रा को रवाना किया। गुजरात में किसानों के समर्थन में यात्रा शुरू करने से पहले ही उन्हें घर पर नजरबंद कर दिया गया था। आरोप है कि भाजपा के शासन में हालात ऐसे हैं कि दिल्ली के लिए भी वीजा लेना पड़ेगा। गुजरात में किसानों के समर्थन में यात्रा की मंजूरी नहीं मिलने के चलते वाघेला ने राजस्थान के डूंगरपुर जिले से यात्रा की शुरुआत की तथा अपनी प्रजाशक्ति पार्टी के सौ कार्यकर्ता तथा किसानों को दिल्ली के लिए रवाना किया। वाघेला का कहना है कि देश में किसानों को अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करने का हक है, लेकिन भाजपा समर्थित मीडिया तथा उनके कार्यकर्ता इन किसानों को देशद्रोही मार्क्सवादी तथा अलगाववादी बताकर गालियां दे रहे हैं।
वाघेला ने कहा कि वह हमेशा किसानों के समर्थन में खड़े रहेंगे तथा जरूरत पड़ने पर दिल्ली सीमा पर जाकर भी किसानों के साथ धरना देंगे। शंकर सिंह वाघेला ने राजस्थान से ‘किसान अधिकार यात्रा’ शुरू की है, जिसमें उन्होंने गुजरात के 100 किसानों और पार्टी कार्यकर्ताओं को दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन के समर्थन में भेजा है। कुछ दिन पहले शंकर सिंह वाघेला ने गांधी आश्रम, अहमदाबाद से राजघाट, दिल्ली तक ‘किसान अधिकार यात्रा’ करके अनशन पर बैठने का एलान किया था, लेकिन गुजरात की भाजपा सरकार ने उन्हें नज़र कैद करके और किसानों व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके यात्रा को रोकने का प्रयास किया था। इसकी वजह से शंकर सिंह वाघेला ने राजस्थान से यह यात्रा शुरू की है।
राजस्थान के लिए निकल रहे कई किसानों और कार्यकर्ता, नेताओ को भाजपा सरकार के आदेश पर पुलिस ने पकड़ लिया था, जिसकि वजह से वह राजस्थान नहीं पहुंच पाए। शंकर सिंह वाघेला ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा सरकार डर गई है, इसीलिए वह किसानों को दिल्ली जाने से रोक रही है। अब दिल्ली जाने के लिए भी वीज़ा लेकर जाना पड़े, ऐसी हालत भाजपा सरकार ने कर दी है। मीडिया के साथ बातचीत दौरान वाघेला ने कहा कि केंद्र के काले कृषि कानूनों के विरोध में वह किसानों के अधिकार की रक्षा के लिए प्रदर्शन में जुड़े हैं और सरकार से यह कानूनों को वापस लेने की अपील कर रहे हैं।