चाणक्य नीति: कोई भी नया कार्य शुरू करने से पहले इन तीन बातों का जरुर रखें ध्यान
चाणक्य के अनुसार हर व्यक्ति कुछ नया करना चाहता है. जीवन में वही आगे बढ़ते हैं जो हर समय कुछ नया करने के लिए तैयार रहते हैं. सफल व्यक्तियों को देखेंगे तो आप पाएंगे कि हर सफल व्यक्ति नया करने के लिए आतुर रहता है.
चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है, मनुष्य को प्रभावित करने वाले सभी विषयों का चाणक्य ने बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. चाणक्य ने अपने अध्ययन और अनुभवों से जो ज्ञान प्राप्त किया, उसे ही चाणक्य नीति कहते हैं. चाणक्य नीति व्यक्ति को सफल बनाने के लिए प्रेरित करती है. सुख और दुख में मनुष्य को किस तरह से कार्य करने चाहिए इसके बारे में भी बताती है. जो व्यक्ति अपना नया कार्य आरंभ करने जा रहे हैं, उन्हें चाणक्य की इन बातों को जरूर जान लेना चाहिए. जॉब और बिजनेस में सफल होने के लिए चाणक्य की ये बातें बहुत ही प्रभावशाली हैं.
नया कार्य को आरंभ करने की पहले योजना बनाएं
चाणक्य के अनुसार नया कार्य आरंभ करने से पहले योजना जरूर बनानी चाहिए. बिना योजना के यदि आप कार्य आरंभ करते हैं तो उसमें सफलता मिलने की संभावना बहुत ही कम होती है. योजना बनाने से आप कार्य को बेहतर ढंग से कर पाएंगे और योजना बनाकर कार्य करने से सफलता मिलने की संभावन काफी हद तक बढ़ जाती है.
कार्य पूर्ण करने के लिए कठोर परिश्रम करें
चाणक्य के अनुसार किसी भी कार्य में तभी सफलता मिलती है जब व्यक्ति को उस कार्य को पूरा करने के लिए कठोर परिश्रम करता है. कार्य की सफलता की पहली शर्त कठोर परिश्रम है. परिश्रम का फल सदैव मीठा होता है. इसलिए किसी भी कार्य को करने के लिए किया गया परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता है.
कार्य पूर्ण होने से पूर्व योजना का खुलासा न करें
चाणक्य के अनुसार कार्य जब तक पूरा न हो जाए तब तक योजना का खुलासा नहीं करना चाहिए. क्योंकि हो सकता है कि कुछ लोग आपको अपना प्रतिद्वंदी मानते हों, योजना के बारे में यदि बता देंगे तो हो सकता है प्रतिद्वंदी हानि पहुंचाने की चेष्टा करे. इसलिए योजना पूर्ण होने तक गुप्त रखनी चाहिए.