कोरोना वैक्सीन के लिए मध्यप्रदेश है पूरी तरह से तैयार सबसे पहले लगेगी स्वास्थ्यर्मियों
कोरोना वैक्सीन के लिए मध्यप्रदेश तैयार है. वैक्सीन स्टोर से लेकर वैक्सीन सेंटर तक पूरी तैयारी कर ली गई है. इस वैक्सीन की सुरक्षा की 100 फीसदी गारंटी दी जा रही है.
हर स्तर पर इसका सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. मध्य प्रदेश में सबसे पहले चार लाख स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका सरकारी अस्पतालों में लगाया जाएगा.
इसके बाद बुजुर्गों, बीपी, डायबिटीज और कैंसर जैसे रोगों से जूझ रहे मरीजों को टीका लगाया जाएगा. पहले भारत सरकार ने 65 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगाने का निर्णय लिया था,
लेकिन अब 50 साल से ऊपर के सभी लोगों को टीका लगाने पर सहमति बनी है. प्रदेश की आबादी में 50 साल के ऊपर के करीब 20 फीसदी लोग हैं. करीब चार फीसदी आबादी डायबिटीज, 10 से 12 फीसदी ब्लड प्रेशर से पीड़ित है.
वैक्सीन के स्टोरेज वाले कोल्ड चेन पॉइंट टीकाकरण केंद्र के इतने पास रखे गए हैं कि एक घंटे के भीतर वैक्सीन वहां पहुंचाई जा सके. पूरे प्रदेश में इन कोल्ड चेन पॉइंट की संख्या 1214 है.
इन पॉइंट के मामले में मध्य प्रदेश देश में दसवें नंबर पर है, जबकि वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा है. इसलिए 62 और पॉइंट बनाए जा रहे हैं. टीका बाएं हाथ में लगाया जाएगा। दो टीके लगेंगे। दूसरा एक महीने बाद लगेगा.
प्रदेश के 4 शहरों को 9 लाख डोज दिये जाएंगे. इंदौर को जहां 2.52 लाख डोज दिये जाएंगे. वहीं, भोपाल को 1 लाख 89 हजार। देशभर में 2 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन 41 शहरों में 100 से ज्यादा फ्लाइट के जरिए पहुंचाई जाने की तैयारी है.
भोपाल के जिला टीकाकरण अधिकारी कमलेश अहिरवार ने बताया कि चिन्हित मरीजों को एसएमएस भेजकर टीकाकरण के लिए बुलाया जाएगा. इसके बाद भी कुछ ऐसे लोग छूट जाएंगे, जो सर्वे में शामिल नहीं हो पाए थे.
इसके बाद बाहर से आए हैं या फिर बाद में उन्हें बीमारी का पता चला है. ऐसे लोगों की पहचान के लिए अस्पतालों में अलग काउंटर बनाए जाएंगे. वह काउंटर पर जांच रिपोर्ट,
अन्य चिकित्सकीय दस्तावेज दिखाकर टीकाकरण के लिए अपना पंजीयन करा सकेंगे. जिन्हें अभी तक बीपी और शुगर की बीमारी का पता नहीं है. वह भी सरकारी अस्पताल में हफ्ते में दो बार जांच कराने के बाद बीमारी निकलती है तो वह पंजीकृत हो सकेंगे