आचार्य चाणक्य ने बताये ये सफल और शांतिपूर्ण जीवन जीने के तरीके। …
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आचार्य चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विख्यात हुए. चाणक्य नीति की कुछ बातें सफल और शांतिपूर्ण जीवन जीने का तरीका बताती हैं.
साथ ही इसमें बताया गया है कि दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते हैं. इसलिए इनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए. आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति के माध्यम से मित्र-शत्रु की पहचान के साथ जीवन की कुछ समस्याओं के समाधन की ओर भी ध्यान दिलाया है.
साथ ही इसमें जीवन में सफलता पाने से संबंधति कुछ अहम बातें भी बताई गई हैं. इनको जीवन में उतार कर व्यक्ति अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो सकता है. आपको भी जरूर जाननी चाहिए चाणक्य नीति की ये खास बातें-
चाणक्य नीति के अनुसार संतोष के बराबर कोई खुशी नहीं है और लोभ के जैसी कोई बीमारी नहीं है. वहीं दया के जैसा कोई सदाचार नहीं है. यानी व्यक्ति को लोभ से दूर रह कर अच्छा आचरण करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऋण, शत्रु और रोग को समाप्त कर देना चाहिए, क्योंकि ये तीनों व्यक्ति के लिए सही नहीं हैं. इनके रहने पर व्यक्ति सुखी जीवन नहीं जी पाता.
चाणक्य नीति के अनुसार वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है. अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते हैं. इसलिए इनसे दूरी बना कर रखनी चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कपटी या पापी व्यक्ति सदैव मधुर वचन बोलकर अपना काम निकालते हैं. इसलिए ऐसे लोगों से सावधान रहें जो मीठे शब्दों की आड़ में छल करते हैं.
चाणक्य नीति के अनुसार आग में आग नहीं डालनी चाहिए. अर्थात क्रोधी व्यक्ति को अधिक क्रोध नहीं दिलाना चाहिए. इससे क्रोध और विवाद बढ़ेगा. संयम रखें और क्रोधी व्यक्ति से दूरी बनाए रखें.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दूध के लिए हथिनी पालने की जरूरत नहीं होती अर्थात व्यक्ति को जितनी जरूरत हो, उसे उतने ही साधन जुटाने चाहिए. व्यक्ति आवश्कयता के अनुसार ही साधन अर्जित करे.
चाणक्य नीति कहती है कि जो व्यक्ति अपने कर्तव्यों से बचते हैं, वे अपने आश्रितों, परिजनों का भरण-पोषण नहीं कर पाते. व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीर रहना चाहिए.