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केंद्र सरकार जल्द से जल्द तीनों कानूनों को करे रद्द : दीपेंद्र हुड्डा

आज ठंड के मौसम में किसान अपने हकों की लड़ाई के लिए दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं और यह राज हट सरकार राजनीति से ऊपर उठकर किसानों की मांगे पूरी करें ताकि किसान कड़ाके की सर्दी मैं अपने घर आकर अपने कार्य में लग सके.

उक्त शब्द राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा ने नारनौंद हुए डाटा गांव की गौशाला में संबोधित करते हुए कहे. इस दौरान उन्होंने दोनों गौशालाओं को 11 -11 लाख रूपए की आर्थिक सहायता देने का भी ऐलान किया.

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि आज किसान अपने वजूद की लड़ाई लड़ने के लिए शांतिपूर्वक तरीके से दिल्ली में आंदोलन कर रहे है. यह बड़ा आंदोलन है और इस आंदोलन में काफी किसानों की जान जा चुकी है.

हमें दर्द है. उनकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी. ठंड के मौसम में किसान शांति से आंदोलन करके इस बात का परिचय दे रहे हैं कि वह राजनेताओं से कहीं ज्यादा शांतिप्रिय है और इतने बड़े आंदोलन को चला रहे हैं.

हुड्डा ने कहा कि सरकार इनके प्रति दया दिखाएं इन कानूनों की मार गरीब लोगों पर पड़ेगी आज पूरा किसान वर्ग एकजुट है और इन तीनों अध्यादेश को वापस लेने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं.

आज किसान, कर्मचारी और बेरोजगार युवा सड़कों पर हैं. लेकिन सरकार अपने नशे में चूर है. वहीं उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो 4 सदस्यों की कमेटी बनाई थी उस कमेटी के एक सदस्य ने इस्तीफा भी दे दिया है. केंद्र सरकार जल्द से जल्द इन तीनों कानूनों को रद्द करें.

प्रदेश सरकार पर निशानाा साधते हुए उन्होंने कहा कि के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर औ उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रधानमंत्री व अमित शाह से मिलकर किसानों की समाधान की बात ना करके अपनी कुर्सी को सलामत होने का आश्वासन देकर वापस लौट आए.

यह सरकार जनता में अपना विश्वास खो चुकी है. विधायक अपना इस्तीफा देकर अपना वोट सरकार के खिलाफ अविश्वास मत लाकर उसमें करें ताकि वह किसानों के पक्ष में वोट करके इस अहंकारी सरकार को उखाड़ने का काम करें.

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