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एवियन इन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) बीमारी से बचने हेतु आवश्यक सावधानियां बरतने के सम्बंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने पक्षियों में एवियन इन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) बीमारी से बचने हेतु आवश्यक सावधानियां बरतने के सम्बंध में प्रदेश के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, गृह विभाग, पंचायतीराज विभाग, ग्राम्य विकास, नगर विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग,

पर्यावरण विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग, राजस्व विभाग, पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 तथा समस्त मण्डलायुक्त/जिलाधिकारी/पुलिस आयुक्त/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उ0प्र0 को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं।
यह जानकारी पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री भुवनेश कुमार ने दी। उन्होंनें  बताया कि इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव, उ0प्र0 सरकार द्वारा प्रदेश में बर्ड फ्लू के रोग के प्रसार की सम्भावना पर नियंत्रण हेतु आवश्यक सुरक्षात्मक कदम तत्काल उठाये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत शासनादेश जारी कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि शासनादेश के माध्यम से भारत सरकार द्वारा निर्गत गाइडलाइन को डाउनलोड कर अपने विभाग से सम्बंधित अपेक्षित कार्यवाही शीर्ष प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

एवियन इन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) बीमारी के नियंत्रण/रोकथाम हेतु नोडल विभाग पशुधन विभाग होगा। सभी विभाग सूचनाओं के आदान-प्रदान में सहयोग करते हुए कृत कार्यवाही का पूर्ण विवरण पशुधन विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
प्रमुख सचिव ने बताया कि पशुपालन निदेशालय में कण्ट्रोल रूम स्थापित करते हुए टोल फ्री नं0-180018055141, 0522-2741991 व 0522-2741992 निर्गत किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में संचालित बड़े कुक्कुट फार्मों का निरीक्षण करते हुए फर्म मालिकों को किसी प्रकार की असुविधा न होने देना सुनिश्चित किये जाने

निरीक्षण में फार्म के आस-पास संक्रमण की स्थिति, कुक्कुट की संख्या, यथास्थिति फार्म में मृत पाये गये कुक्कुट की संख्या तथा फार्म में साफ-सफाई/सेनेटाइजेशन की स्थिति का निरीक्षण किया जाने के निर्देश/शासनादेश में दिये हैं।

इसके साथ ही जनपद स्तर पर संचालित इंटीग्रेटेड कोविड कमाण्ड कंट्रोल रूम का उपयोग एवियन इन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) नियंत्रण हेतु करने तथा जन सामान्य में फैली भ्रांतियां तथा अफवाहों का निराकरण करने हेतु रोग के परिप्रेक्ष्य में ‘‘क्या करें‘‘ तथा ‘‘क्या न करें‘‘ के का व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश दिये गए हैं।
शासनादेश में वन विभाग को सभी सेन्चुरी/वन्य जीव अभ्यारणों में नियमित सेनेटाइजेशन कराने, बर्ड फ्लू के सर्विलांस हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश निर्गत करने, बर्ड सेन्चुरी, वाटर बाडीज तथा ऐसे पार्कों जहां प्रवासी पक्षी/जंगली पक्षियों का आगमन हो, उनकी सूची बनाये जाने तथा ऐसे स्थानों पर संक्रमण फैलने से रोकने के लिए आवश्यक बायो सिक्योरिटी के लिए आवश्यक निर्देश निर्गत करने को कहा गया है।

पंचायतीराज विभाग को बर्ड फ्लू से प्रभावित क्षेत्रों में क्लीनिंग का कार्य कराये जाने, स्वास्थ्य विभाग को कलिंग आॅपरेशन में लगे आर0आर0टी0 कर्मियों हेतु यथावश्यकता आइसोलेशन वार्ड, पी0पी0ई0 किट, फेस मास्क एवं पर्याप्त मात्रा में टेमीफ्लू केप्सूल की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये हैं।

इसके साथ ही जलशक्ति विभाग को जलाशयों/डैम्स के समीप आने वाले प्रवासी पक्षियों की निरन्तर कड़ी चैकसी बरतने तथा सीरो सर्विलांस कार्य को प्रभावी तरीके से लागू कराये जाने, लोक निर्माण विभाग को एवियन इन्फ्लुएन्जा (बर्ड फ्लू) से संक्रमित मृत पक्षियों हेतु

गड्ढा हेतु म्ंतजी क्पहहपदह डंबीपदमए श्रमजजपदह ब्नउ ैनबजपवद उंबीपदमए थ्वहहमत डंबीपदमए ैचतंलपदह डंबीपदम की व्यवस्था के साथ संक्रमित जोन में कलिंग हेतु मानचित्र का चित्रण कराने के साथ-साथ ब्नससपदह ंदक ैनतअमपससंदबम क्षेत्र की घेराबन्दी करायी जाने के निर्देश दिए गए हैं। गृह/पुलिस विभाग, राजस्व विभाग को भी आवश्यक कार्यचाही किए जाने के  निर्देश दिये गये हैं।
इसके अतिरिक्त समस्त जिलाधिकारियों को पोल्ट्री फार्मों पर सतर्क दृष्टि रखते हुए निरीक्षण कराये जाने, कुक्कुट उत्पादों के थोक तथा फुटकर बाजारों में साफ-सफाई की व्यवस्था कराये जाने, बाजारों को सप्ताह में एक दिन बंद रखने, मुर्गियों/अन्य पक्षियों तथा अण्डों का परिवहन खुले वाहनों से न करने

बर्ड सेन्चुरी, वाटर बाॅडीज, प्रवासी पक्षी के आवागमन के पार्कों की सूची बनाने, रैपिड रिस्पांस टीमों (आर0आर0टी0) को सक्रिय किये जाने, उनका अनुश्रवण करने, पक्षियों के सैम्पल आदि को एकत्र कर निर्धारित प्रयोगशालाओं को आवश्यक जांच हेतु समय से प्रेषित करने को कहा गया है।

इसके साथ ही एवियन इन्फ्लुएन्जा की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए जनपद में की गयी तैयारियों की समीक्षा हेतु जनपद स्तरीय टास्कफोर्स की नियमित बैठक आयोजित की जाय तथा जिन जनपदों में पक्षी अभ्यारण्य हैं एवं जो जनपद प्रवासी पक्षियों के मार्ग में आते हैं वहां टास्कफोर्स की बैठक माह में दो बार आयोजित किये जाने के निर्देश दिये हैं।

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