उत्तराखंडप्रदेश

चमोली जिले में मलारी हाईवे बंद, चीन सीमा से संपर्क टूटा…

उत्तराखंड में नदी-नालों का उफान जानलेवा साबित हो रहा है। हरिद्वार के लालढांग क्षेत्र में रवासन नदी में डूबने से एक महिला की मौत हो गई। पखवाड़ेभर में इस नदी में डूबने से यह दूसरी मौत हुई है। बीते चार दिन में मौसम के कहर से मरने वालों की संख्या 11 हो गई है। बारिश के कारण भूस्खलन से सड़कों पर मलबा आने का क्रम जारी है। चमोली जिले में जोशीमठ के पास चट्टान टूटने से चीन सीमा को जोड़ने वाला मलारी राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गया है। सीमा सड़क संगठन के जवान मलबा हटाने का प्रयास कर रहे हैं। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर यातायात लगातार बाधित हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार और सोमवार को भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका बरकरार है। शनिवार को मौसम की चेतावनी के मद्देनजर देहरादून, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग और टिहरी में स्कूल बंद रहे।

शनिवार सुबह हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्र लालढांग के निकट मंगलौर गांव की रहने वाली एक वृद्धा सुबह बाजार के लिए निकली। बताया जा रहा है कि इस दौरान नदी पार करने के दौरान एकाएक नदी में पानी बढ़ गया। डूबने से वृद्धा की मौत हो गई। उसका शव भी निकाल लिया गया है। इसके अलावा मलबा आने से बदरीनाथ के पास लामबगड़ में हाईवे तीसरे दिन भी नहीं खोला जा सका। इस भाग को यात्री वैकल्पिक मार्ग के जरिये पैदल ही पार कर रहे हैं। प्रदेश में 100 से ज्यादा मोटर मार्ग मलबे के कारण बंद हैं।

नदियां उफान पर

नदियों का उफान कम नहीं हो पा रहा है। शारदा, सरयू, गोरी और काली के साथ ही मंदाकिनी, पिंडर और अलकनंदा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। हरिद्वार में गंगा के जलस्तर में हालांकि कमी आई है, लेकिन अब भी यह चेतावनी रेखा पर है। गंगा तटों पर बने तटबंध कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुए हैं।

टिहरी में भूस्खलन से स्थानीय नदी में बनी झील का जलस्तर बढ़ा

लगातार बारिश और भूस्खलन से मालदेवता के पास स्थानीय नदी में बनी झील का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। देहरादून से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित इस स्थान पर करीब 15 दिन पहले यह झील अस्तित्व में आई थी। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार हालांकि झील से पानी का रिसाव हो रहा है और झील पर नजर रखने के लिए सिंचाई विभाग की टीम मौके पर मौजूद है

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