सरकारी सिस्टम की काहिली एक बार फिर उजागर हुई है। सही से इलाज न मिलने से गर्भवती ने रोडवेज बस अड्डे के सार्वजनिक शौचालय में बच्चे को जन्म दिया। महिला के पति ने किसी तरह बदहवास पत्नी और नवजात को महिला अस्पताल पहुंचाया, जहां तीन घंटे तक जच्चा बच्चा को उपचार नहीं मिला। गंभीर हालत में जब वह नवजात को हायर सेंटर लेकर पहुंचा तो वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
चोरगलिया के रहने वाले भुवन चंद्र परगाईं की पत्नी हेमा परगाईं (25) आठ महीने से गर्भवती थी। हेमा का महिला अस्पताल में उपचार चल रहा है। भुवन शनिवार को सुबह 11 बजे पत्नी को लेकर महिला अस्पताल ने बाहर से अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। जब वह बाहर से अल्ट्रासाउंड कराकर उस महिला चिकित्सक के पास पहुंचा तो उसने रिपोर्ट देखने के बाद दवाएं दे दीं और उसकी पत्नी को घर ले जाने को कहा।
भुवन के अनुसार वह पत्नी को लेकर रोडवेज स्टेशन पहुंचा। यहां हेमा के प्रसव पीड़ा होने लगी। इस पर वह पत्नी को रोडवेज के सार्वजनिक शौचालय में ले गया जहां उसने बच्चे को जन्म दिया। सार्वजनिक शौचालय में डिलीवरी होने की सूचना से हड़कंप मच गया। भुवन ने शौचालय संचालकों और राहगीरों की मदद से पत्नी और नवजात को किसी तरह दोपहर 3:30 बजे फिर महिला अस्पताल पहुंचाया।