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श्रम विभाग के अंतर्गत श्रम, फैक्ट्रीज एवं ब्वायलर्स का निरीक्षण के लिए केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली लागू

प्रदेश सरकार द्वारा श्रम, फैक्ट्रीज एवं ब्वायलर्स, पर्यावरण विभाग तथा विधिक बाट-माप विज्ञान विभाग को सम्मिलित करते हुए

केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। इसी के क्रम में श्रम विभाग के अंतर्गत श्रम, फैक्ट्रीज एवं ब्वायलर्स का सभी निरीक्षण श्रम  अधिनियमों के अंतर्गत (शिकायतों के आधार पर निरीक्षण को छोड़कर) केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के अधीन किए जाएंगे।
अपर मुख्य सचिव, श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस निरीक्षण प्रणाली में निम्नलिखित श्रम अधिनियम सम्मिलित किए गए है। इसके अंतर्गत समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976,

न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948, उत्तर प्रदेश दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम 1962, बोनस भुगतान अधिनियम 1965, वेतन भुगतान अधिनियम 1936,आनुतोषिक भुगतान अधिनियम 1972,

संविदा श्रम (विनियमन एवं उत्सादन) अधिनियम 1970, कारखाना अधिनियम 1948, भारतीय बॉयलर अधिनियम 1923 मातृत्व हितलाभ अधिनियम 1961, उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण निधि अधिनियम 1965 समाहित है।
उन्होंने बताया कि निरीक्षण हेतु प्रतिष्ठानों का चयन जोखिम के आधार पर किया जाएगा तथा निरीक्षण श्रम विभाग द्वारा पोर्टल पर दिए गए चेक लिस्ट के अनुसार किये जाएंगे। अधिष्ठानों का चयन एवं निरीक्षकों का चयन केंद्रीय रूप से केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के अंतर्गत इस प्रकार किया जाएगा कि कोई भी निरीक्षक किसी भी प्रतिष्ठान का दो बार निरीक्षण ना करें।
श्री चंद्रा ने बताया कि निरीक्षण टिप्पणी निरीक्षण के 48 घंटों के अंदर केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के पोर्टल पर इस प्रकार अपलोड की जाएगी कि प्रतिष्ठान तथा विभाग द्वारा उसे देखा जा सके। निरीक्षण किए जाने वाले प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किए जाने से पूर्व सूचना पोर्टल के माध्यम से दिया जाएगा।

उन्होंने श्रम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली के पोर्टल पर अपलोड की जाने वाली निरीक्षण रिपोर्ट को 03 साल तक देखने और डाउनलोड करने की व्यवस्था की जाए।

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