इसरो 7 महीने में 19 मिशन को करेगा लांच, चंद्रयान-2 और ‘बाहुबली’ की भी होगी लांचिंग
भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना मिशन चंद्रयान-2 की दो बड़ी असफलताओं के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर अंतरिक्ष अभियानों के लिए कमर कस लिया है। इसरो 7 महीने के अंदर 19 मिशन को लांच करने वाला है, जिसमें चंद्रयान-2 भी शामिल है।
इस मिशन की शुरुआत इसी महीने से की जाएगी। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, इसरो के चेयरमैन के. शिवन ने बताया ‘हम 19 मिशन संचालित करने जा रहे हैं, जिसमें 10 सैटेलाइट और 9 लांच व्हीकल शामिल हैं। यह मिशन सितंबर से मार्च के बीच संपन्न किए जाएंगे। इसरो के लिए यह कम समय में अधिक लांचिंग का समय होगा। हमें हर 30 दिन में 2 लांचिंग करनी होगी। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था।’
उन्होंने बताया कि 15 सितंबर से पीएसएलवी सी42 की लांचिंग के साथ ही इस मिशन की शुरुआत हो जाएगी। यह पूरी तरह से एक वाणिज्यिक लांच होगा। पीएसएलवी सी42 अपने साथ यूके के दो सैटेलाइट नोवासर और एस1-4 को अपने मुख्य पेलोड के रूप में ले जाएगा।
इसके बाद अक्टूबर महीने में इसरो जीएसएलवी एमके3-डी2 की लांचिंग करेगा। जीएसएलवी एमके3-डी2 को ‘बाहुबली’ के नाम से भी जाना जाता है। यह 4 टन की भारोत्तोलन क्षमता के साथ इसरो के सबसे शक्तिशाली रॉकेट का दूसरा लांच होगा।
इसके अलावा अक्टूबर में ही पीएसएलवी सी43 की भी लांचिंग होगी। वहीं, नवंबर में जीसैट-7ए और जीसैट-11 की लांचिंग होगी, जो वायुसेना के लिए काफी मददगार होगी। इसी तरह दिसंबर में भी पीएसएलवी सी44 और जीसैट-31 को लांच किया जाएगा।
इसको अगले साल अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना मिशन चंद्रयान-2 को लांच करेगा। इसका लांच विंडो 3 जनवरी से 16 फरवरी तक रहेगा। इजरायल भी अपने चंद्र मिशन की शुरुआत उसी समय करेगा। हालांकि दोनों देशों के बीच इस बात को लेकर जंग रहेगी कि चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के मामले में रूस, अमेरिका और चीन के बाद चौथा देश कौन बनेगा।
अगले साल जनवरी महीने में ही इसरो का पीएसएलवी सी45 रॉकेट अपने साथ रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट रीसैट-2बी को ले जाएगा। फिर फरवरी महीने में पीएसएलवी सी46 रॉकेट दो सैटेलाइट कार्टोसैट-3 और नेमो एएम को लांच करेगा। इसी तरह मार्च में भी इसरो रीसैट-2बीआर1, रीसैट-2बी, कार्टोसैट-3 और रीसैट-2बीआर1 सैटेलाइट्स को लांच करेगा।