अपोलो हॉस्पिटल ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट QIP इश्यू किया लॉन्च
अपोलो हॉस्पिटल ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट QIP इश्यू लॉन्च कर दिया है. 3.4 फीसदी डिस्काउंट के साथ इसका फ्लोर प्राइज करीब 2508 रुपए तय हुआ है.
कंपनी की इस आईपीओ से 1000 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी है. भारत की बड़ी हॉस्पिटल चैन में शूमार Apollo Hospitals Enterprise 18 जनवरी को अपना QIP लॉन्च किया है.
इस QIP से मिले पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने कारोबार में विस्तार करने, कर्ज घटाने और कंपनी के डिजिटल क्षमता में विस्तार पर आने वाले खर्च को पूरा करने में करेगी.
हालांकि, इस तरह की भी खबरें भी आई हैं कि Apollo Hospitals इस इश्यू से प्राप्त पैसों का इस्तेमाल एक ज्वाइंट वेंचर में 50 फीसदी हिस्सेदारी अधिग्रहित करने में कर सकता है. गौरतलब है कि Apollo Hospitals की बेड कैपेसिटी 10,209 के आसपास है। 30 नवबंर 2020 तक पूरे देश में कंपनी के 71 हॉस्पिटल हैं.
क्यूआईपी कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने का एक तरीका है. शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी क्यूआईपी के तहत क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर को वॉरंट के अलावा शेयर
आंशिक या पूर्णत: परिवर्तनीय डिबेंचर जैसी सिक्योरिटीज जारी कर पूंजी जुटाती है. ये सिक्योरिटी तय अवधि के बाद शेयरों में परिवर्तित कर दी जाती हैं. प्रिफरेंशियल आवंटन के अलावा जल्द पूंजी जुटाने का यह दूसरा जरिया है.
सेबी ने कंपनियों को कम अवधि में बाजार से पैसे जुटाने की सुविधा देने के लिए 2006 में इसकी शुरुआत की थी. इसका मकसद विदेशी पूंजी पर घरेलू कंपनियों की अत्यधिक निर्भरता में कमी लाना भी था.
क्यूआईपी से पहले घरेलू बाजार से पूंजी जुटाने की जटिल औपचारिकताओं से बचने के लिए कई कंपनियां विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी) या ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट के जरिए पैसे जुटाना पसंद करती थीं.