किसान अपनी कृषि उपज को एक माह तक निःशुल्क इन गोदामों में रख सकेंगे : सूर्य प्रताप शाही
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने आज जनपद गोण्डा के कृषि उत्पादन मण्डी समिति के नवीन खाद्यान्न मण्डी स्थल एवं नवीन फल मण्डी स्थल में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत निर्मित 1000-1000 मी0टन भण्डारण क्षमता के 02 गोदामों का शुभारम्भ किया। उन्होंने बताया कि इन गोदामों की निर्माण लागत 95-95 लाख रूपये है।
उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले और उन्हें निर्धारित मूल्य से कम दर पर अपनी उपज को बेचकर न जाना पड़े, को दृष्टिगत रखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न जनपदों में 1000-1000 मी0टन क्षमता के गोदामों का निर्माण कराया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने कहा कि पूर्व में किसानों को मण्डी में अपनी उपज का सही मूल्य न मिलने के बावजूद भी मजबूरी में कम दर पर अपनी कृषि उपज को बेचकर जाना पड़ता था, परन्तु प्रदेश सरकार द्वारा निर्मित कराये
जा रहे इन गोदामों के निर्माण के उपरान्त किसानों को कम मूल्य पर अपनी कृषि उपज को बेचने की मजबूरी नहीं होगी। किसान अपनी कृषि उपज को एक माह तक निःशुल्क इन गोदामों में रख सकेंगे और सही मूल्य प्राप्त होने पर ही अपने खाद्यान्न को बेच सकेंगे।
श्री शाही ने कहा कि भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिये दृढ़संकल्पित सरकार है। उन्हांेने बताया कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा,
प्रधानमंत्री फसल बीमा, प्रधानमंत्री किसान मान-धन एवं अन्य कल्याणकारी योजनाएं लागू की गयी हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा फसल ऋण मोचन योजनान्तर्गत किसानों के 01 लाख तक के ऋण को माफ किया गया है।
कार्यक्रम में बतौर अतिथि उपस्थित पूर्व कृषि मंत्री एवं वर्तमान सांसद, श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में भी किसानों के अथक परिश्रम के कारण प्रत्येक क्षेत्र में कमी आने के बावजूद कृषि क्षेत्र में कहीं कोई कमी नहीं आई।
सरकार ने किसानों के हितार्थ मण्डी अधिनियम में संशोधन करते हुये विभिन्न उपज को मण्डी शुल्क से मुक्त किया, जिससे किसानों की लागत मंे कमी आये और उनकी आय में वृद्धि हो सके।
इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा मण्डी को और अधिक व्यापक बनाया गया, जिससे किसान अपना उत्पाद देश के किसी भी कोने में ले जाकर बेच सकता है।
श्री सिंह ने कहा कि भारत सरकार की प्राथमिकता खेत-खलिहान और किसान है। उन्होंने बताया कि देश में 12 करोड़ किसान ऐसे हैं, जो लघु एवं सीमान्त किसान है।
उन्होंने कहा कि इन लघु एवं सीमान्त किसानों को प्रत्येक वर्ष 6000 रूपये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में दिये जा रहे हैं, जिससे इन लघु एवं सीमान्त किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि अत्याधुनिक तकनीकी का लाभ मुहैया कराकर किसानों की कृषि लागत में कमी लायी जाए और उनकी आय में वृद्धि की जा सके।