राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में सफलता पाई : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए नमूनों की जांच की संख्या बुधवार को एक करोड़ से अधिक हो गई और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे एक “नया कीर्तिमान” बताया है. केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि शहर ने संक्रमण को फैलने से रोकने में सफलता पाई है.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मंगलवार तक प्रति दस लाख लोगों पर 5.29 लाख से अधिक जांच की जा चुकी हैं और अब तक 1,00,59,193 नमूनों की जांच हो चुकी है.
केजरीवाल ने ट्वीट किया दिल्ली ने नया कीर्तिमान बनाया है. हमने अब तक एक करोड़ से अधिक कोरोना जांच की हैं जो कि दिल्ली की जनसंख्या का 50 प्रतिशत है
दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 228 नए मामले सामने आए तथा महामारी से दस और मरीजों की मौत हो गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अब तक एक करोड़ से ज्यादा लोगों की जांच की जा चुकी है.
सोमवार को शहर में संक्रमण के 161 मामले सामने आए थे जो लगभग नौ महीने में सामने आने वाली सबसे कम संख्या थी. अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि अब तक संक्रमण के 6.33 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और मृतकों की संख्या 10,774 पर पहुंच गई है.
दिव्यांगों के अधिकारों से जुड़े करीब 30 संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन को पत्र लिखकर उनसे कोविड-19 टीकाकरण में दिव्यांगों को प्राथमिकता दिये जाने का अनुरोध किया है.
नेशनल सेंटर फॉर प्रमोशन ऑफ एम्प्लॉयमेंट फॉर डिसेबल्ड पीपल, एकता और समा फाउंडेशन समेत दिव्यांग अधिकार से जुड़े संगठनों ने दिव्यांगों को प्राथमिकता के आधार पर टीके लगाए जाने की कई वजह बताईं.
इन वजहों में शारीरिक कमजोरी, पूर्व से चली आ रही स्वास्थ्य समस्याएं, संचार में आने वाली मुश्किलें, व्यक्तिगत देखभाल के लिये अन्य व्यक्तियों से करीबी संपर्क आदि शामिल हैं.
एनसीपीईडीपी के कार्यकारी निदेशक अरमाल अली ने कहा व्यक्तिगत देखभाल सहायकों, स्वास्थ्यकर्मियों, दिव्यांगों और गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों तक टीके की पहुंच होना जरूर है. टीके को लेकर प्राथमिकता निर्धारण में इनकी भी हिस्सेदारी होनी चाहिए