नीदरलैंड्स में ब्रिटेन की उड़ान पर बैन का प्रस्ताव रखा
नीदरलैंड्स में डच सरकार ने बुधवार को राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू और दक्षिण अफ्रीका समेत ब्रिटेन की उड़ान पर बैन का प्रस्ताव रखा है. ये कर्फ्यू द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से पहली बार लगाई जा रही है.
सरकार ने सख्त कदम कोरोना वायरस की नई किस्म के फैलाव को सीमित करने के लिए उठाया है. प्रधानमंत्री मार्क रूटे ने कहा है कि मंजूरी के लिए प्रस्ताव को आज संसद में पेश किया जाएगा और संसद से हरी झंडी मिलने के बाद शुक्रवार से कर्फ्यू घोषित हो जाएगी.
संसद आज कोरोना वायरस के खिलाफ लगाई गई पाबंदियों पर चर्चा करेगी. उन्होंने बताया कि सभी अमेरिकी देशों पर भी लागू होनेवाली फ्लाइट बैन की शुरुआत शनिवार से होगी.
कर्फ्यू के इस सप्ताहांत प्रभावी हो जाने की उम्मीद है. देश भर में कर्फ्यू स्थानीय समय के मुताबिक रात 8. 30 बजे से सुबह 4. 30 बजे तक लागू होगी. कर्फ्यू में ढील सिर्फ सख्त जरूरत के तहत लोगों को मिलेगी.
उसमें मेडिकल आपातकालीन और आवश्यक सेवाओं में लगे लोग शामिल हैं. कर्फ्यू का उल्लंघन करनेवालों को 95 यूरो का जुर्माना भरना पड़ेगा. उन्होंने अपने संबोधन में कहा ये बहुत सख्त उपाय है लेकिन हम चौराहे पर खड़े हैं क्योंकि ब्रिटेन के नए वेरिएन्ट ने हमारे लिए कोई विकल्प नहीं छोड़ा है
उन्होंने बताया कि स्कूल और गैर-जरूरी दुकानों को पहले ही मध्य दिसंबर से बंद कर दिया गया है. ये कार्रवाई बार और रेस्टोरेंट को बंद करने से दो महीना पहले की गई. पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री ने बताया था कि इस बार का लॉकडाउन 9 फरवरी तक जारी रहेगा.
नीदरलैंड्स में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले पिछले तीन सप्ताहों में तेजी से बढ़े हैं, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि अगर सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों को सख्त न किया गया, तो नए वेरिएन्ट से अगले महीने तक संक्रमण और बढ़ सकता है.
वर्तमान में सरकार की स्थिति कार्यवाहक की है. पिछले शुक्रवार को प्रधानमंत्री रूटे ने चाइल्ड केयर सब्सिडी विवाद के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया था. उन्होंने खुद के बारे में कहा है
कि नई सरकार के गठन तक कोविड-19 से जुड़ी नीतियों पर फैसला लेते रहेंगे. उन्होंने गठबंधन और विपक्षी पार्टियों दोनों से लागू किए जा रहे उपायों का समर्थन करने को कहा है.