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आचार्य चाणक्य ने बताये शांतिपूर्ण जीवन जीने के ये आसान तरीके

आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति के माध्‍यम से जीवन की कुछ समस्‍याओं के समाधन की ओर ध्‍यान दिलाया है. वह एक कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विख्‍यात हुए.

चाणक्‍य नीति की कुछ बातें सफल और शांतिपूर्ण जीवन जीने का तरीका बताती हैं. चाणक्‍य नीति कहती है कि प्रेम और मित्रता बराबर वालों में ही करनी चाहिए.

साथ ही इसमें मित्र-शत्रु की पहचान के साथ जीवन में सफलता पाने से संबंधति कुछ अहम बातें भी बताई हैं. इनको जीवन में उतार कर व्‍यक्ति अपने लक्ष्‍य को पाने में सफल हो सकता है. आप भी जरूर जानें चाणक्‍य नीति की ये खास बातें-

ऐसे माता-पिता हैं शत्रु समान
जो माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा नहीं देते है वे बच्चों के शत्रु के समान हैं, क्योंकि वे विद्याहीन बालक विद्वानों की सभा में वैसे ही तिरस्कृत किए जाते हैं, जैसे हंसो की सभा मे बगुले.

ऐसे लोगों को सजा देना जरूरी
आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि लाड़-प्यार से बच्चों में गलत आदतें आती हैं. वहीं उन्हें कड़ी शिक्षा देने से वे अच्छी आदतें सीखते हैं. इसलिए बच्चों को जरूरत पड़ने पर दण्डित करें. उनसे ज्यादा लाड़ न करें.

ऐसा एक भी दिन न हो
चाणक्‍य नीति के अनुसार ऐसा एक भी दिन नहीं जाना चाहिए जब आपने एक श्लोक, आधा श्लोक, चौथाई श्लोक, या श्लोक का केवल एक अक्षर नहीं सीखा या आपने दान, अभ्यास या कोई पवित्र कार्य नहीं किया.

ये बातें शरीर को जलाती हैं
चाणक्‍य नीति कहती है कि पत्नी का वियोग होना, अपने ही लोगो से बेइज्‍जत होना, बचा हुआ ऋण, दुष्ट राजा की सेवा करना, गरीबी एवं दरिद्रों की सभा ये 6 बातें शरीर को बिना अग्नि के ही जला देती हैं.

ऐसा व्‍यक्ति नष्‍ट हो जाता है
चाणक्‍य नीति कहती है क‍ि जो व्यक्ति दुराचारी है और जो कुदृष्टि वाला है. साथ ही अगर वह बुरे स्थान पर रहने वाले मनुष्य के साथ मित्रता करता है, तो वह शीघ्र ही नष्ट हो जाता है.

मित्रता बराबर वालों में ही करें
चाणक्‍य नीति के अनुसार प्रेम और मित्रता बराबर वालों में ही अच्छी लगती है. वहीं इसमें कहा गया है कि राजा के यहां नौकरी करने वाले को ही सम्मान मिलता है. साथ ही इसमें व्यवसायों में वाणिज्य को सबसे अच्छा बताया गया है.

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