प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी के कारण कैश मैनेजमेन्ट के सम्बन्ध में दिया आवश्यक दिशा निर्देश
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 महामारी के कारण कैश मैनेजमेन्ट के तहत निर्माण कार्यों के सम्बन्ध में वित्तीय वर्ष 2020-21 की वित्तीय स्वीकृतियों में सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में वित्त विभाग द्वारा समस्त अपर मुख्य सचिवो, प्रमुख सचिवो एवं सचिवों को निर्माण कार्यों के लिए इस प्रकार धनराशि अवमुक्त करने में निर्देश दिए गए हैं।
जारी दिशा निर्देशो के तहत यदि निर्माण कार्य की लागत 10 करोड़ रूपये तक है तो धनराशि दो समान किस्तों में जारी होगी। कार्यदायी संस्था को जो धनराशि अवमुक्त होगी वह दो माह की आवश्यकता के अनुसार होगी।
विभागाध्यक्ष कार्यालय में तैनात वित्त नियंत्रक का यह उत्तरदायित्व निर्धारित किया गया है। कि वे कोषागार से धनराशि का आहरण दो-दो माह की जरूरत के अनुसार करें। कार्यदायी संस्था को पहले दी गई धनराशि के 75 प्रतिशत धनराशि का उपयोग करने के बाद आगामी दो माह के लिए पुनः आवश्यक धनराशि कोषागार से आहरण कर उपलब्ध करायी जाएगी।
वित्त विभाग के अनुसार यदि निर्माण कार्य की लागत 10 करोड़ रूपये से अधिक है तो धनराशि चार किस्तों में अवमुक्त की जाएगी। इसमे प्रथम, दूसरी एवं तीसरी किस्त 25-25 प्रतिशत तथा चैथी किस्त 20 प्रतिशत की होगी।
वित्त विभाग ने यह भी निर्देश दिए है कि कार्यदायी संस्था को जो धनराशि अवमुक्त की जाएगी वह दो माह की आवश्यकता के अनुसार ही होगी। विभागाध्यक्ष कार्यालय में तैनात वित्त नियंत्रक भी यह उत्तरदायित्व होगा कि धनराशि भी आहरण कोषागार से दो-दो माह की आवश्यकतानुसार किया जाएगी।
कार्यदायी संस्था में दूसरी किस्त पहली किस्त की धनराशि के 75 प्रतिशत उपयोग के उपरान्त, तीसरी किस्त पहली किस्त की धनराशि में पूर्व उपयोग तथा दूसरी किस्त की धनराशि में 75 प्रतिशत उपयोग के उपरान्त उपलब्ध करायी जाएगी।
इसी प्रकार चैथी किस्त पहली एवं दूसरी किस्त की धनराशि में पूर्ण उपयोग तथा तीसरी किस्त की धनराशि में 75 प्रतिशत धनराशि का उपयोग करने के बाद अगले दो-दो माह के लिए पुनः आवश्यक धनराशि कोषागार से आहरित कर दी जाएगी।
वित्त विभाग के अनुसार बकाया 5 प्रतिशत की धनराशि अवमुक्त करने की कार्यवाही प्रशासकीय विभाग द्वारा परियोजना के निर्माण कार्य पूर्ण होने तथा उसकी गुणवत्ता से सन्तुष्ट होने के उपरान्त की जाएगी।