जाने इस बार के गणतंत्र दिवस परेड में क्या होगा खास ?
इस बार गणतंत्र दिवस के परेड में बहुत कुछ बदलाव देखने को मिलेगा. कोरोना के कारण इस बार नियमों में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि इस बार परेड देखने वालों की संख्या काफी कम कर दी गई है.
सरकार के मुताबिक पहले करीब सवा लाख लोग परेड में शामिल होते थे लेकिन इस बार ये संख्या मात्र 25 हजार ही है. इस बार परेड देखने वाले सभी लोगों का टेम्प्रेचर चेक किया जाएगा. प्रशासन की ओर से सबके लिए मास्क लगाना जरूरी कर दिया गया है.
इस बार के परेड में मोटरसाइकिल स्टंट को रद्द कर दिया गया है. इस परेड में सेना के जवान और पार्लियामेंट में तैनात होने वाले जवान हिस्सा लेते थे. कोरोना को ध्यान में रखते हुए
इस बार के परेड में पूर्व सैनिकों के परेड को जगह नहीं मिली है साथ ही वीरता पुरस्कार से सम्मानित होने वाले लोगों को भी इस बार की परेड शामिल नहीं किया जाएगा.
इस साल के परेड में 15 साल से छोटे बच्चे और बुजुर्गों को शामिल होने की इजाजत नहीं दी जाएगी. इस बार गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम की तैयारी में लगे लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है
जिसके बाद उन्हें काम में लगाया गया परेड के अंदर घुसने वाले दरवाजे पर तैनात जवान लोगों का थर्मल स्कैनिंग करेंगे और टेम्प्रेचर सामान्य होने पर ही अंदर जाने की अनुमति होगी.
इस साल दर्शकों को पंक्तियों में व्यवस्थित और बनाए गए प्लेटफार्मों पर बैठने के बजाय रक्षा मंत्रालय की ओर से कुर्सियों की व्यवस्था की गई है. रक्षा मंत्रालय की ओर से यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि उन्हें लॉन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए छह फीट की दूरी पर बैठाया जाए.
इस साल के परेड में दर्शक राफेल की उड़ान देखेंगे. महिला फाइटर पायलट भावना कंठ इस साल गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगी. भावना कंठ पहली बार राजपथ के ऊपर फाइटर जेट रफाल से उड़ान भरेंगी
देश के लोगों को राफेल की ताकत दिखाएंगी इस साल के समारोह में कुल 42 एयरक्राफ्ट फ्लाईपास्ट करेंगे, जिसमें दो रफाल विमान शामिल हैं. साल 2018 में एयरफोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट्स के रूप में तैनात हुईं थी.
एक अधिकारी ने बताया कि इस बार परेड में शामिल केवल झांकी ही लाल किले तक जाएगी. उन्होंने बताया कि परेड का समापन इंडिया गेट के सी-हेक्सागॉन में होगा.
इस बार के परेड में बांग्लादेश के 122 सैनिक भी शामिल होंगे. आजादी के बाद यह तीसरी बार होगा जब विदेशी सेना को भी परेड में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.