प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय भविष्य निधि संगठन द्वारा ऐसी व्यवस्था विकसित करने के दिए निर्देश
प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय भविष्य निधि संगठन द्वारा ऐसी व्यवस्था विकसित करने के निर्देश दिये है कि नियोक्ताओं द्वारा कम्पनियों में कार्यरत श्रमिकों के ई0पी0एफ0 अंशदान को नियमानुसार जमा कराया जा सके।
नियोक्ताओं द्वारा कर्मचारियों के वेतन से काटी गयी धनराशि के साथ-साथ स्वयं का अंशदान भी समय पर जमा कराया जाए। कर्मचारियों के पी0एफ0 में जमा धनराशि की समय-समय पर उन्हें जानकारी दी जा सके।
इसके साथ ही समय पर उनके पी0एफ0 के भुगतान की कार्यवाही आसानी से सुनिश्चित की जा सके। इस आशय का आदेश अपर मुख्य सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने जारी कर दिये है।
अपर मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये है कि सेवा प्रदाता एजेन्सी के माध्यम से आउट सोर्सिंग पर कार्यरत जिन विभागों के कार्मिकों का ईपीएफ अंशदान कटौती के उपरान्त कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नियमित रूप से जमा नहीं किया
जा रहा, उन विभागाध्यक्ष/मण्डलीय/जनपदीय/
जा सके तथा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा इस प्रकरण में ससमय यथावश्यक कार्यवाही की जा सके। उन्होंने निर्देशित किया है कि इस सम्बंध में अनुश्रवण की कार्यवाही नियमित रूप से की जाय।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कर्मचारी भविष्य निधि संबंधी शिकायती प्रकरण मुख्यमंत्री जन सुनवाई संदर्भ पोर्टल व अन्य सोतों के माध्यम से शासन के संज्ञान में आ रहें है कि प्रदेश के जनपदों में कम्पनियोें में कार्यरत कुछ कर्मचारियों के वेतन से ईपीएफ की कटौती नहीं की जा रही है।
कुछ मामलों में कम्पनी के नियोक्ताओं द्वारा ईपीएफ की कटौती तो की जा रही है। परन्तु उनके ईपीएफ खातों में कटौती की धनराशि जमा नही की जा रही है। कई मामलों में कर्मचारी एवं नियोक्ता दोनों का अंशदान कर्मचारी के ही वेतन से काटा जा रहा है
तथा कर्मचारियों के ईपीएफ में जमा धनराशि के संबंध में उन्हें न तो जानकारी दी जा रहीं है और न ही कर्मचारी द्वारा निकासी की मांग किये जाने पर समय पर भुगतान हो पा रहा है।
इसी प्रकार शासकीय एवं अर्द्धशासकीय विभागों में सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्सिंग पर कार्य करने वाले कर्मचारियों के संबंध में भी शासन के संज्ञान में आया हैं कि शासकीय विभागों द्वारा ईपीएफ अंशदान का भुगतार सेवा प्रदाता को किया जा रहा हैं
किन्तु सेवा प्रदाताओं द्वारा ईपीएफ अंशदान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पक्ष में जमा नहीं कराया जा रहा है। यह राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों के अनुरूप नहीं है।