आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने महानाडू सम्मेलन के आखिरी दिन एक बार फिर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने मोदी सरकार के ‘तानाशाही’ रवैये की वजह से ही क्षेत्रीय दल साथ आने पर मजबूर हुए हैं। उन्होंने भावी मोर्चे पर बोलते हुए कहा कि गठबंधन महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि उसे चलाने वाला लीडर महत्वपूर्ण होता है। साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी ने आंध्र प्रदेश को स्पेशल स्टेटस का दर्जा न देकर दक्षिण भारत में घुसने का सबसे अच्छा मौका गंवा दिया है। वहीं, नायडू ने सवाल उठाया कि अगर केन्द्र आंध्र प्रदेश की राजधानी बनाने में मदद नहीं करता है, तो राज्य को केन्द्र को टैक्स क्यों देना चाहिए।
मंगलवार को विजयवाड़ा में तेलगु देशम पार्टी के तीन दिन तक चले महानाडू सम्मेलन के समापन के बाद चुनिंदा पत्रकारों से खास बातचीत में मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कर्नाटक चुनावों के बाद अपनी साफ सुथरी छवि को खो दिया है। उन्होंने कहा कि साफ सुथरी राजनीति करना चाहते हैं तो ऐसी नीतियां बनाएं जिससे चुनावों में होने वाले खर्चों पर रोक लगे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का ‘तानाशाही’ रवैये ने 2019 के चुनावों में क्षेत्रीय दलों को साथ आने पर मजबूर कर दिया है। मोदी सरकार के एकतरफा और जनता विरोधी फैसले और अपने विरोधियों को डराने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग भारतीय राजनीति में गंभीर चिंता का विषय बन गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को दागदार लोगों को अपनी पार्टी में शामिल करने पर शर्म आनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से दक्षिण भारतीय राज्यों को बहुत नाराजगी है और केन्द्र में अगली सरकार क्षेत्रीय दलों के गठबंधन से बन सकती है। नायडू ने कहा कि ये सब कैसे होगा, यह वक्त ही बताएगा। उन्होंने कहा कि एनडीए के प्रदर्शन से जनता में नाराजगी है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी कहती है कि कर्नाटक दक्षिण भारत में घुसने का गेटवे है, जो कि बिल्कुल गलत है। इसका मतलब यह है कि आप स्वीकार कर रहे हैं कि वहां पर प्रवेश निषेध है। नायडू ने कहा कि तमिलनाडू में मोदी को काले झंडे दिखाए गए। उन्हें आंध्र प्रदेश का समर्थन करना चाहिए था। यह कोई अहसान नहीं था। इसका मतलब यह है कि वे सच्चाई को पचा नहीं पा रहे हैं और प्रेक्टिकल नहीं हैं।
‘क्षेत्रीय दल कांग्रेस और बीजेपी दोनों से साथ मिल कर लड़ेंगे’
नायडू ने कहा कि क्षेत्रीय दल कांग्रेस और बीजेपी दोनों से साथ मिल कर लड़ेंगे। अगर आप इतिहास को उठाकर देखो, तो दोनों ही दलों का व्यवहार गैरजिम्मेदाराना रहा है। उन्होंने कहा कि हमें दोनों से लड़ना है। आपको देखना चाहिए कि विभिन्न पार्टियों से लड़ने के लिए गठबंधन बनाए गए। कांग्रेस के खिलाफ जनता सरकार बनी, कांग्रेस के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बना और बीजेपी के खिलाफ संयुकक्त मोर्चा गठबंधन बना।
उन्होंने इस दलील को दरकिनार किया कि पिछले कुछ चुनावों में तीसरा मोर्चा देश को स्थिरता देने में विफल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिर सरकार का क्या मतलब है जो काम नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि यूपीए-1 और एनडीए-1 दोनों ही गठबंधन की सरकारें थी, और दोनों ने बहुत काम किया। उनके मुताबिक गठबंधन महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि उसे चलाने वाला लीडर महत्वपूर्ण होता है। नायडू ने कहा कि मोदी जी हमेशा भ्रष्टाचार की बाते करते हैं, लेकिन कर्नाटक में रेड्डी बंधुओं को टिकट देकर कैसे किस तरह भ्रष्टाचार से लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कम से कम कांग्रेस में कुछ शर्म तो है, लेकिन बीजेपी में शर्म बिल्कुल भी नहीं बची है।
2019 में कांग्रेस नीत गठबंधन को समर्थन देने के सवाल पर नायडू ने कहा कि यह उस वक्त की परिस्थितियों पर ही निर्भर करेगा। नायडू ने कहा कि आखिरी यूपीए सरकार के दौरान केन्द्र-राज्यों को संबंध बेहतर थे, लेकिन मोदी सरकार में खराब हुए हैं। सरकार के बौद्धिक संगठन नीति आयोग ने सलाह दी आंध्र प्रदेश को फंड रिलीज कर दिया जाए, लेकिन प्रधानमंत्री ने फैसले को पलट दिया। उन्होंने पूछा कि कहां है टीम इंडिया, कहां है सहयोग और कहां गया संघवाद?
नायडू ने अपने दो महत्वाकांक्षी अमरावती राजधानी निर्माण प्रोजेक्ट और पोलावरम बांध प्रोजेक्ट के लिए केन्द्र से पैसा मांगा था लेकिन उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला। उन्होंने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह उन पर फंड्स में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं। वे सोचते हैं कि हर कोई उनके जैसा है। उन्होंने कहा कि पता नहीं वह किस प्रकार के नेता हैं और उन्हें ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमित शाह केवल बीजेपी के अध्यक्ष हैं और यह केन्द्र और राज्य के बीच का मामला है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी समेत उनके मंत्रियों को दोनों प्रोजेक्ट के काम की प्रगति देखने के लिए बुला सकते हैं, लेकिन अमित शाह को नहीं बुलाएंगे।
बीजेपी क्षेत्रीय नेताओं की छवि को नुकसान पहुंचा रही
उन्होंने कहा कि बीजेपी क्षेत्रीय नेताओं की छवि को नुकसान पहुंचा कर राष्ट्र में असंतोष पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार बहुत अच्छी दोस्त नहीं हैं। वे सभी नेताओं ककी छवि को खराब करना चाहते हैं, जोकि बहुत गलत है। उन्होंने कहा कि देश का विकास लीडरशिप से होता है। अगर आप सभी नेताओं की छवि को नुकसान पहुंचाएंगे, तो इससे समस्या पैदा होंगी।
वहीं बातचीत के दौरान आंध्र प्रदेश की मुख्यमंत्री इस बात पर जोर देते रहे कि 2019 में टीडीपी किंगमेकर बनना चाहती है, ना कि किंग। उन्होंने कहा कि उनकी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं नहीं है। उन्होंने कहा कि हम जिम्मेदार नेता हैं। इससे पहले भी हमारे समर्थन से सरकारें बनीं है। एनटी रामाराव के संघर्ष से ही वीपी सिंह की सरकार बनी। मैंने दो सरकार को बनाने में अहम भूमिका निभाई। हमने कभी कुछ नहीं मांगा और न ही हमारी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं हैं। इस देश में बहुत से सक्षम नेता हैं और किसी न किसी को लेकर तो आम सहमति बन ही जाएगी।