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कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं के बीच हुआ टकराव

कांग्रेस में अंदरूनी टकराव शुक्रवार को उस वक्त एक बार फिर सामने आ गया जब कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखने वाले ऐसे कई नेताओं पर निशाना साधा जो पिछले कुछ महीनों से संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, गहलोत की टिप्पणी पर पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने प्रतिवाद किया और कहा कि यह अपमानजनक है.

बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं के बीच टकराव को देखते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हम सबकी भावनाओं का सम्मान करते हैं और चुनाव कराकर इस मुद्दे को यही खत्म किया जाना चाहिए.

सूत्रों के अनुसार, गहलोत ने बैठक में कहा कि हम सभी लोग इतने वर्षों में चुनाव से यहां तक नहीं आए हैं, बल्कि चयन की प्रक्रिया से होकर आए हैं.

सूत्रों ने बताया कि गहलोत ने किसी नेता का नाम लिए बगैर यह भी कहा कि वर्षों तक बिना चुनाव के सीडब्ल्यूसी में रहने वाले लोग चुनाव की मांग कर रहे हैं.

गहलोत ने कहा कि आपसी लड़ाई छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा से लड़ने की जरूरत है और चुनाव का मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष पर छोड़ना चाहिए और उन पर भरोसा करना चाहिए.

सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने कहा कि वह सबकी भावनाओं का सम्मान करते हैं और चुनाव कराकर इस मुद्दे को यहीं खत्म किया जाए तथा आगे पार्टी को किसानों के मुद्दे और राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय पर जोर देना है.

एक सूत्र ने बताया कि हरीश रावत और कुछ अन्य नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की पैरवी की.सूत्रों ने कहा कि बैठक में गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने संगठन के चुनाव की मांग फिर दोहराई.

कांग्रेस के नेताओं के बीच परस्पर टकराव की शुरुआत पिछले साल अगस्त में उस वक्त आरंभ हुई थी जब गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा समेत 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कांग्रेस का सक्रिय नेतृत्व होना चाहिए और संगठन में व्यापक बदलाव होना चाहिए.

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