प्रदेशमहाराष्ट्र

सीने पर हाथ लगने मात्र को यौन हमला नहीं माना जा सकता, बॉम्बे HC ने पोक्सो एक्ट के दोषी को दी राहत

किसी नाबालिग लड़की के सीने पर हाथ लगने को यौन हमला नहीं माना जा सकता। बच्चों को यौन अपराध से बचाने के कानून (पोक्सो एक्ट) के अनुसार जब तक दो भिन्न लोगों की त्वचा से त्वचा का स्पर्श नहीं होता, तब तक अपराध नहीं माना जा सकता। यह बात नाबालिग बच्ची के साथ हुई घटना पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने कही है। हाईकोर्ट की नागपुर पीठ में जस्टिस पुष्पा गनेदीवाला ने 12 वर्षीय बच्ची से संबंधित मामले में यह फैसला सुनाया है।
पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज हुआ था केस आदेश में कहा है कि पोक्सो कानून के अनुसार यौन हमले के मामले में लैंगिक दुर्भावना से प्रेरित त्वचा से त्वचा का स्पर्श होना चाहिए, तभी वह अपराध की श्रेणी में आता है। मामला दिसंबर 2016 का था। इसमें 39 वर्षीय आरोपी खाने की चीज देने के बहाने बच्ची को अपने घर बुला ले गया था। वहां पर उसने बच्ची के साथ छेड़छाड़ की थी। पुलिस ने मामला पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया था। तीन साल ही हुई थी कैद सत्र न्यायालय ने आदमी को इस अपराध का दोषी मानकर उसे तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इस आदेश को दोषी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा, पोक्सो एक्ट के तहत अपराध नहीं बनता लेकिन बच्ची का शील भंग करने की कोशिश हुई। इसके लिए आइपीसी की धारा 354 के तहत अपराध हुआ। इसलिए हाईकोर्ट ने दोषी सतीश को पोक्सो एक्ट के तहत तीन वर्ष कैद की सजा से राहत दी लेकिन धारा 354 के तहत उसकी एक वर्ष कैद की सजा बरकरार रखी।    

Related Articles

Back to top button