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राजपथ : 861 मिसाइल रेजिमेंट की ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के मोबाइल स्वायत लांचर ने अपनी ताकत दिखाई

भारत आज अपने 72वें गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है. इस मौके पर दिल्ली के राजपथ पर परेड निकल रही है. जहां भारत अपनी शक्ति दुनिया के सामने दिखाएगा, साथ ही अलग-अलग हिस्सों की संस्कृति की झलक भी दिखाई जाएगी. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत अन्य हस्तियों ने देशवासियों को इस राष्ट्रीय त्योहार की बधाई दी.

राजपथ पर उन्नत या अपग्रेडेड शिल्का हथियार प्रणाली की झांकी निकली. इसकी कमान 140 वायु रक्षा रेजिमेंट (सेल्फ प्रोपेल्ड) की कैप्टन प्रीति चौधरी ने संभाली.  शिल्का हथियार प्रणाली आधुनिक रेडार और डिजिटल फायर कंप्यूटर से लैस है और लो लेवल एयर डिफेंस के लिए सभी हालातों में लक्ष्य को साधते हुए दुश्मन को तबाह करने में सक्षम है. इन प्रभावी वर्तमान प्रदर्शनों के परिणास्वरूप रेजिमेंट को भारतीय सेना में अहम स्थान दिया गया है.

हथियारों के बाद अब रेजिमेंट की झांकी शुरू हो गई है. सबसे पहले जाट रेजिमेंट ने अपनी परेड की, उसके बाद गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों ने अपना जज्बा दिखाया. महार रेजिमेंट ने अभी अपना जज्बा राजपथ पर दिखाया, जिसका युद्धघोष है बोलो हिंदुस्तान की जय.

सबसे पहले राजपथ पर युद्धक टैंक टी-90 (भीष्म) ने अपना जलवा बिखेरा. यह मुख्य युद्धक टैंक, हंटर-किलर सिद्धांत पर कार्य करता है. यह 125 मिमी की शक्तिशाली स्मूथ बोर गन, 7.62 मिमी को-एक्सिल मशीन गन और 12.7 मिमी वायुयानरोधी गन से लैस है.

861 मिसाइल रेजिमेंट की ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के मोबाइल स्वायत (ऑटोनोमस) लांचर ने राजपथ पर अपनी ताकत दिखाई, इसका नेतृत्व कैप्टन कमरूल ज़मान ने किया.  861 रेजिमेंट भारतीय तोपखाना की एक प्रतिष्ठित रेजिमेंट है. इस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उद्यम से तैयार किया गया है.

गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर परेड की शुरुआत हो गई है. सबसे पहले हेलिकॉप्टरों ने दर्शकों पर फूल बरसाए और उसके बाद पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति को सलामी दी.

राजपथ पर पहली बार बांग्लादेश की सशस्त्र सेनाओं के 122 सैनिकों का मार्चिंग दस्ते ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. इस दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अबु मोहम्मद शाहनूर शावोन और उनके डिप्टी लेफ्टिनेंट फरहान इशराक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिबत रहमान ने किया. इस दस्ते में बांग्लादेश की थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान शामिल रहे.

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